AIN NEWS 1 | पटना में शुक्रवार, 29 अगस्त 2025 को राजनीतिक रंगत ने एक नया रूप लिया जब बीजेपी और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच आमने-सामने झड़प हुई। यह झड़प इतनी हिंसक थी कि दोनों ओर से कार्यकर्ता एक-दूसरे पर लाठी और डंडों का उपयोग करने लगे। घटना उस समय हुई जब कांग्रेस कार्यालय के सामने कांग्रेस के खिलाफ प्रदर्शन चल रहा था।
राजनीतिक तनाव और विरोध-प्रदर्शन के बीच यह झड़प सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गई, जिससे पूरे शहर में चर्चा का विषय बन गई।
झड़प का पूरा दृश्य
#WATCH | Patna, Bihar: BJP and Congress workers clash as the former staged a protest against the latter in front of the Congress office. pic.twitter.com/GDUxM0JgyB
— ANI (@ANI) August 29, 2025
स्थानीय लोगों और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शुक्रवार की सुबह पटना के मुख्य इलाके में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया, वहीं कांग्रेस के समर्थक अपने कार्यालय के बाहर उपस्थित थे।
कुछ ही देर में प्रदर्शन शांति भंग करने वाला बन गया।
दोनों पक्षों के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए।
हाथ में जो भी था, वह मारपीट और संघर्ष के लिए इस्तेमाल किया गया, चाहे वह लाठी हो या डंडा।
इस झड़प के दौरान कुछ कार्यकर्ताओं को मामूली चोटें भी आई हैं। हालांकि, पुलिस मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित करने में सफल रही।
घटना का वीडियो और सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
इस झड़प का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर वायरल हो गया। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह दोनों ओर से कार्यकर्ता एक-दूसरे पर लाठी और डंडों से हमला कर रहे हैं।
इस वीडियो ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी।
विपक्ष और समर्थक दोनों पक्षों ने सोशल मीडिया पर अलग-अलग दावे किए।
जनता और आम लोग इस हिंसा को देखकर चिंता जताई।
प्रशासन और पुलिस की प्रतिक्रिया
पुलिस ने झड़प के तुरंत बाद स्थिति नियंत्रण में लेने के लिए दखल दिया।
क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात किया गया।
कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया और उन्हें शांत कराने के प्रयास किए गए।
प्रशासन ने चेतावनी दी कि किसी भी तरह की हिंसा और दंगा भड़काने वाले तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पटना में शांति बनाए रखना प्राथमिकता है और दोनों पक्षों को भविष्य में इस तरह के विवाद से बचने की सलाह दी गई है।
घटना का राजनीतिक परिप्रेक्ष्य
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह झड़प लोकसभा और विधानसभा चुनावों की तैयारियों के बीच हुई है।
बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टी अपने समर्थकों को सक्रिय रख रही हैं।
स्थानीय स्तर पर विरोध-प्रदर्शन और रैलियां बढ़ रही हैं।
इस झड़प ने साफ कर दिया है कि राजनीतिक तनाव कभी-कभी हिंसक रूप भी ले सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि राजनीतिक नेताओं को अपने कार्यकर्ताओं को शांति और संयम की शिक्षा देना बेहद जरूरी है।
जनता और स्थानीय लोगों का अनुभव
स्थानीय लोगों ने बताया कि झड़प के कारण सड़कों पर आने-जाने में परेशानी हुई।
दुकानें और बाजार अस्थायी रूप से बंद हुए।
राहगीरों को भी सुरक्षा की दृष्टि से इलाके से दूर रहने की सलाह दी गई।
कुछ लोग घटना को देखकर डर और चिंता व्यक्त कर रहे थे।
इस घटना ने यह भी दर्शाया कि राजनीतिक झड़पें केवल पार्टियों के बीच नहीं रहतीं, बल्कि आम जनता पर भी असर डालती हैं।
पटना में हुई यह झड़प यह संकेत देती है कि राजनीतिक असहमति और विरोध-प्रदर्शन कभी-कभी हिंसक रूप धारण कर सकते हैं।
प्रशासन और पुलिस की सक्रियता ने बड़े नुकसान को टाला।
जनता को सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए सतर्क रहने की सलाह दी गई।
राजनीतिक पार्टियों और उनके कार्यकर्ताओं को भविष्य में शांति और संयम बनाए रखने की आवश्यकता है।
यह घटना यह भी याद दिलाती है कि राजनीतिक प्रतिस्पर्धा में संयम, संवाद और समझदारी कितना महत्वपूर्ण है, ताकि आम नागरिकों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।