AIN NEWS 1 | कन्या राशि (Virgo) के जातक हमेशा से अपनी मेहनत, व्यावहारिक सोच और अनुशासन के लिए पहचाने जाते हैं। बुध इस राशि का स्वामी ग्रह है, जो ज्ञान, विश्लेषण और तर्कशक्ति प्रदान करता है। लेकिन ज्योतिष मानता है कि हर राशि को समय-समय पर ग्रहों की परीक्षा से गुजरना पड़ता है। आने वाले पांच साल (2025–2030) कन्या राशि वालों के लिए खास रहेंगे। यह समय जहां उन्नति और सफलता के अवसर लेकर आएगा, वहीं रिश्तों और मानसिक शांति की सबसे कठिन परीक्षाएं भी देगा।
2023–24: धैर्य और संयम की सीख
बीते दो वर्षों में कन्या राशि वालों ने गहरी परीक्षा का अनुभव किया।
शनि के कुंभ राशि में गोचर ने कार्यक्षेत्र और स्वास्थ्य में बाधाएं खड़ी कीं।
राहु ने भाग्य भाव को प्रभावित किया, जिससे अवसर अधूरे रह गए।
केतु ने रिश्तों में खटास पैदा की।
इस अवधि ने कन्या जातकों को यह सिखाया कि जीवन में सफलता से ज्यादा महत्वपूर्ण धैर्य और संयम है।
2025–26: सफलता के साथ पारिवारिक कलह
29 मार्च 2025 को शनि मीन राशि में प्रवेश करेंगे। इस समय गुरु मेष और वृष राशि से करियर व शिक्षा में सकारात्मक परिणाम देंगे।
संभावित प्रभाव
नौकरी में प्रमोशन या नया अवसर।
शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता।
आर्थिक लाभ और करियर में स्थिरता।
लेकिन परिवार में विवाद और मानसिक तनाव बढ़ सकते हैं।
शनि और गुरु का यह संयोग वरदान और परीक्षा दोनों साथ लेकर आता है। एक ओर तरक्की के मौके मिलेंगे, दूसरी ओर निजी जीवन में अस्थिरता बढ़ सकती है।
2027–28: राहु-केतु का उलटफेर
2027 में राहु कर्क और केतु मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इसी दौरान गुरु मिथुन और कर्क राशि में रहेंगे। यह स्थिति जीवन में बड़ी उथल-पुथल ला सकती है।
संभावित प्रभाव
विदेश यात्रा और उच्च शिक्षा के अवसर।
व्यवसाय में साझेदारी से लाभ।
करियर में नए प्रोजेक्ट और अवसर।
लेकिन व्यक्तिगत रिश्तों में गहरी दरार और भावनात्मक संकट।
राहु-केतु का असर भ्रम और अस्थिरता बढ़ाता है। जो अवसर बड़े सुनहरे दिखेंगे, उनमें छुपे हुए जोखिम भी होंगे। इस समय सावधानी और समझदारी से निर्णय लेना जरूरी होगा।
2029–30: ज्ञान और आत्मचिंतन का समय
2029 में गुरु सिंह राशि में रहेंगे और 2030 में कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। यह समय आत्ममंथन और कर्मफल का है।
संभावित प्रभाव
शिक्षा, शोध और अध्ययन में गहरी सफलता।
आध्यात्मिकता और आत्मचिंतन की ओर झुकाव।
जीवन की सच्चाई को समझने का अवसर।
लेकिन स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां और मानसिक थकान।
गुरु का कन्या राशि में आना जीवन को ज्ञान से प्रकाशित करेगा, परंतु यह समय आत्मसंघर्ष और थकान भी देगा।
छुपे हुए प्रभाव (Hidden Impacts)
2025–26: करियर और धन में उन्नति, पर पारिवारिक तनाव।
2027–28: विदेश और नए अवसर, पर रिश्तों का टूटना।
2029–30: ज्ञान और अध्यात्म में उन्नति, पर स्वास्थ्य संकट।
ज्योतिषीय उपाय (Astrological Remedies)
इन वर्षों की चुनौतियों को संभालने और जीवन को संतुलित बनाने के लिए कुछ उपाय मददगार रहेंगे:
बुध ग्रह शांति: हर बुधवार दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और हरे कपड़े पहनें।
शनि शांति: शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं और शनि मंत्र का जाप करें।
राहु-केतु शांति: मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें।
गुरु कृपा: गुरुवार को पीली वस्तुएं जैसे हल्दी और चना दान करें।
ये उपाय केवल धार्मिक मान्यताओं पर आधारित नहीं, बल्कि मानसिक स्थिरता और आत्मबल को बढ़ाने वाले भी हैं।
आने वाले वर्षों की मुख्य सीख
2023–24: मेहनत और धैर्य की परीक्षा।
2025–26: सफलता के साथ पारिवारिक कलह।
2027–28: विदेश यात्रा और अवसर, पर रिश्तों का संकट।
2029–30: ज्ञान और आध्यात्मिकता की रोशनी, लेकिन स्वास्थ्य चुनौतियां।
2025 से 2030 तक कन्या राशि वालों के लिए जीवन का हर चरण नई दिशा देगा। कभी करियर और शिक्षा में उन्नति, तो कभी रिश्तों और स्वास्थ्य की परीक्षा। ग्रह केवल संकेत देते हैं, लेकिन वास्तविक राह आपके कर्म और धैर्य पर निर्भर करती है।
जैसा कि बृहज्जातक में कहा गया है—
“फलानि ग्रहचारेण तानि कर्मफलानि च।”
अर्थात ग्रह केवल आईना हैं, असली शक्ति आपके प्रयासों और कर्मों में है।