पाकिस्तान की कोर्ट ने फिर पार की नीचता की हदें! नाबालिग हिंदू लड़की की उम्र की मेडिकल में पुष्टि के बावजूद घरवालों को नहीं सौंपा।

पाकिस्तान के सिंध प्रांत की कोर्ट ने मेडिकल जांच में हिंदू लड़की के 16 साल का होने, जबरन अपहरण कर धर्मांतरण करा शादी कराने की पुष्टि होने के बाद भी आश्रय गृह छोड़कर अपने माता-पिता के साथ जाने की मंजूरी नहीं दी।

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पाकिस्तान की कोर्ट ने नीचता की हदें पार की

अपहरणकर्ता की शिकायत पर नाबालिग के साथ नाइंसाफी

16 साल की बच्ची को मां बाप को सौंपने से इंकार

AIN NEWS 1: पाकिस्तान के सिंध प्रांत की कोर्ट ने मेडिकल जांच में हिंदू लड़की के 16 साल का होने, जबरन अपहरण कर धर्मांतरण करा शादी कराने की पुष्टि होने के बाद भी आश्रय गृह छोड़कर अपने माता-पिता के साथ जाने की मंजूरी नहीं दी। लड़की का 2 महीने पहले सिंध प्रांत के हैदराबाद से किडनैप हुआ था और बरामद होने के बाद कोर्ट के आदेश पर उसे 20 अक्टूबर को आश्रय गृह भेज दिया गया था।

मेडिकल जांच के दिए थे कोर्ट ने आदेश

कोर्ट ने लड़की की आयु मालूम करने के लिए मेडिकल जांच कराने का आदेश दिया था क्योंकि उसके कथित पति ने निकाहनामा पेश किया था जिसमें उसकी उम्र 19 वर्ष बताई गई है। कोर्ट ने कहा है कि लड़की 31 अक्टूबर को मामले की अगली सुनवाई तक लोकल प्रशासन की देखरेख में आश्रय गृह में ही रहेगी क्योंकि इस मामले पर और विचार करने की जरूरत है।

12 अगस्त को हुआ अपहरण, अक्टूबर में दर्ज हुआ मामला

आरोप के अनुसार नाबालिग हिंदू लड़की अपनी बड़ी बहन के साथ मिल में काम करती है और 12 अगस्त को वापस से लौटते समय हैदराबाद के फतेह चौक के पास चार लोगों ने उसे किडनैप कर लिया। शिकायत के अनुसार लड़की का जबरदस्ती इस्लाम में धर्म परिवर्तन कराया गया और किडनैपर्स में से एक से शादी करा दी गई। लड़की के माता-पिता और उनके एडवोकेट के मुताबिक सितंबर तक पुलिस ने रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की और मानवाधिकार अधिकारी उसे बलूचिस्तान सूबे से बरामद कर हैदराबाद वापस लाए।

पहले कोर्ट ने लड़की को किडनैपर को सौंपने का फैसला दिया था

लड़की की बरामदगी के बाद कोर्ट ने नाबालिग को फिर से किडनैपर को सौंपने का ही अजीबोगरीब फैसला सुनाया था। लेकिन इसके बाद जब लड़की रोने लगी तो अदालत ने घबराहट में फैसला बदला और फिर भी उसे माता पिता को सौंपने की जगह आश्रय गृह में भेज दिया। कोर्ट ने उसके कथित पति और अपहरणकर्ता द्वारा पीड़िता के माता-पिता के खिलाफ दर्ज मुकदमे के आधार पर ये फैसला किया है। गौरतलब है कि सिंध प्रांत के अंदरुनी हिस्सों में युवा हिंदू लड़कियों का अपहरण और जबरन धर्मांतरण बड़ी समस्या है। सूबे के थार, उमरकोट, मीरपुरखास, घोटकी और खैरपुर में बड़ी हिंदू आबादी रहती है।

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AIN NEWS 1 आपका दिल से शुक्रिया करता है ।
आप हमारा साथ ऐसे ही देते रहे ।
धन्यवाद

 

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