यूट्यूब से देश में हर साल 7 लाख रोजगार बने
जीडीपी में 6800 करोड़ का योगदान कर रहा है यूट्यूब
46 करोड़ से ज्यादा एक्टिव यूट्यूब यूजर्स ने किया कमाल
AIN NEWS 1: देश में बीते कुछ बरसों में यूट्यूब काफी लोकप्रिय हुआ है। पिछले पांच वर्ष में भारत में YouTube दर्शकों की संख्या तेजी से बढ़ी है। फिलहाल देश में 46 करोड़ से ज्यादा लोग यूट्यूब के एक्टिव यूजर्स हैं। यही कारण है कि यूट्यूब पर हर साल लाखों की संख्या नौकरियां भी पैदा हो रही हैं। गूगल का दावा है कि भारतीय यूट्यूब क्रिएटर्स का देश की जीडीपी में 6800 करोड़ रुपये का योगदान है। जैसे-जैसे यूट्यूब चैनल बढ़ रहे हैं, वैसे-वैसे रोजगार के मौके भी बढ़ रहे हैं। हर साल यूट्यूब से देश में 7 लाख नौकरियां पैदा हो रही हैं।
यूट्यूब के चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर और गूगल के सीनियर वीपी नील मोहन ने CyFy 2022 में वर्चुअली हिस्सा लेते हुए कहा कि ‘भारत में यूट्यूब क्रिएटर की इकॉनमी तेजी से फल फूल रही है। हर साल 6800 करोड़ रुपये का योगदान किया जा रहा है और 7 लाख जॉब्स पैदा हो रही हैं.’ CyFy 2022 तकनीक, इनोवेशन और समाज पर एक कॉन्फ्रेंस है। इस प्रोग्राम का आयोजन ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) ने किया।
छोटे कारोबार को यूट्यूब ने दी नई पहचान
नील मोहन ने कहा कि यूट्यूब ना केवल क्रिएटर्स को अपने दर्शक बढ़ाने का मौका देता है, बल्कि उनको अपना कारोबार तैयार करने के लिए आर्थिक मौका भी देता है। उन्होंने कहा कि यूट्यूब एक ऐसा मंच है जहां सभी तरह के व्यापार ग्रोथ कर रहे हैं, खासकर छोटे बिजनेस तो इससे सबसे ज्यादा फायदा ले रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है कि ये मंच पर एक विज्ञापन-संचालित मीडिया प्लेटफॉर्म है। यूट्यूब के चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर ने कहा, ‘क्रिएटिव सफलता के साथ-साथ लिंग विविधता के संदर्भ में हमारे प्लेटफॉर्म पर सभी प्रमुख भारतीय भाषाओं का प्रतिनिधित्व किया गया है। हमारे पास ऐसे टूल हैं जो यह तय करने में सहायता करते हैं कि प्लेटफॉर्म कंटेट क्रिएटर और यूजर्स दोनों के लिए एक सुरक्षित और समावेशी जगह बनी रहे।
अनुप्रिया पटेल के पैर छूने के लिए नए कार्यकर्ता को 1 लाख वहीं पुराने कार्यकर्ताओं को 26 हजार देने होते हैं: हेमंत चौधरी (यूथ विंग के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष)#Ainnews1 #AINNEWS1 pic.twitter.com/bfKJqUEKJm
— 𝐀𝐈𝐍 𝐍𝐄𝐖𝐒 𝟏 (@ainnews1_) October 27, 2022
यूट्यूब को समावेशी बनाने पर फोकस
मोहन ने आगे कहा कि यूट्यूब एक ऐसा स्थान है, जहां देशभर के कंटेट क्रिएटर्स सबसे आगे हैं। उन्होंने कहा, ‘यूट्यूब को समावेशी और विविधतापूर्ण बनाना हमारी प्राथमिकता है। क्रिएटर इकोनॉमी भारत में करोड़ों लोगों को प्रभावित करती है और इसलिए सरकारों के लिए इन प्लेटफार्मों पर क्या होता है, इसकी परवाह करना स्वाभाविक है।