AIN NEWS 1 | उत्तर प्रदेश की राजनीति में अक्सर अपने बेबाक बयानों से सुर्खियां बटोरने वाले कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने इस बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत के हालिया बयान पर आपत्ति जताई है। मोहन भागवत ने कुछ दिन पहले कहा था कि “हर परिवार को कम से कम तीन बच्चे पैदा करने चाहिए।”
इस बयान को लेकर ओमप्रकाश राजभर ने अपनी साफ और सीधी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि बच्चों की संख्या तय करना किसी इंसान या समाज के नियम से नहीं बल्कि प्रकृति और ऊपरवाले की मर्जी से होता है।
राजभर ने स्पष्ट शब्दों में कहा –
“उन्होंने जो कहा वह उनका व्यक्तिगत विचार है। दुनिया माने या न माने, हम इसे नहीं मानते। किसके कितने बच्चे होंगे, यह पूरी तरह से भगवान की मर्जी है। यह एक सामाजिक व्यवस्था है, जिसे जबरन थोपना गलत है।”
उन्होंने उदाहरण देते हुए लालू प्रसाद यादव का नाम लिया और कहा कि राजनीति में भी कई ऐसे नेता रहे हैं जिनके बड़े परिवार हैं। इसका फैसला परिवार और परिस्थितियां करती हैं, न कि कोई संगठन या नेता।
योगी सरकार और जनता दरबार पर विपक्ष के आरोपों का जवाब
वाराणसी में मीडिया से बातचीत के दौरान जब उनसे सीएम योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार को लेकर विपक्ष के तंज के बारे में पूछा गया तो उन्होंने तीखा पलटवार किया।
राजभर ने कहा –
“जब समाजवादी पार्टी की सरकार थी, तब उन्होंने जनता से सीधा संवाद कभी नहीं किया। आज योगी जी जनता दरबार लगाते हैं तो विपक्ष कहता है कि वहां सिर्फ बीजेपी कार्यकर्ता आते हैं। सच्चाई यह है कि अगर उन्होंने खुद ऐसा कुछ किया होता तो उन्हें पता चलता कि जनता की समस्याएं कैसे सुनी जाती हैं।”
उन्होंने आगे मायावती सरकार का जिक्र करते हुए कहा कि मायावती ने सिविल सेवा की मुफ्त कोचिंग योजनाएं शुरू की थीं, लेकिन सपा और कांग्रेस की सरकारों ने उसे आगे नहीं बढ़ाया। राजभर के मुताबिक, अगर पिछली सरकारें चाहतीं तो उस पहल को मजबूत कर सकती थीं, मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया।
कथावाचक अनिरुद्धाचार्य को दी नसीहत
हाल ही में कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने बेटियों को लेकर एक विवादित बयान दिया था। इस पर भी ओपी राजभर ने नाराजगी जताई और कहा कि कथावाचकों को अपनी भाषा में मर्यादा रखनी चाहिए।
उन्होंने कहा –
“क्या इनके पास कोई मशीन है जिससे यह तय कर सकें कि कौन-सा बच्चा पैदा होगा? यह पूरी तरह से बेतुकी बातें हैं। जब लोग बड़ी संख्या में संतों और कथावाचकों को सुनने आते हैं तो उनकी जिम्मेदारी बढ़ जाती है। उन्हें हमेशा संतुलित और मर्यादित भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए।”
वाराणसी में बड़ा कार्यक्रम करने की तैयारी
31 अगस्त को वाराणसी में कार्यकर्ताओं से मुलाकात के दौरान ओपी राजभर ने घोषणा की कि सितंबर महीने में वाराणसी जिले में एक बड़ा राजनीतिक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम के जरिए पार्टी कार्यकर्ताओं को मजबूत करने और संगठन को नए सिरे से गति देने की योजना बनाई जा रही है।
ओपी राजभर के ताजा बयानों से एक बार फिर यह साबित होता है कि वे राजनीति में अपनी अलग पहचान रखते हैं। वे खुलकर अपनी राय रखने में विश्वास करते हैं और चाहे संघ प्रमुख हों, विपक्षी दल हों या फिर कथावाचक – हर मुद्दे पर बिना झिझक अपनी प्रतिक्रिया देते हैं।
उनका कहना है कि समाज को मर्यादा, सम्मान और संतुलन के साथ आगे बढ़ना चाहिए। बच्चों की संख्या जैसी बातें जबरन थोपने से नहीं बल्कि प्रकृति और परिस्थितियों से तय होती हैं। वहीं राजनीति में जनता के बीच पहुंचना और उनकी समस्याएं सुनना ही असली सेवा है।