Aadhaar Update for Kids Now in Schools: UIDAI’s New Biometric Update Plan 2025
अब स्कूल में ही होगा बच्चों का आधार अपडेट, माता-पिता को नहीं लगेगा सेंटर के चक्कर
AIN NEWS 1: भारत में करोड़ों बच्चों के आधार कार्ड को समय पर अपडेट न करा पाना एक बड़ी समस्या रही है। लेकिन अब सरकार ने इस समस्या का स्थायी समाधान खोज लिया है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने एक नई योजना की शुरुआत करने जा रही है, जिसके तहत बच्चों का आधार कार्ड अपडेट अब स्कूल में ही किया जाएगा। इससे बच्चों के माता-पिता को आधार केंद्र के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे और समय के साथ-साथ पैसे की भी बचत होगी।
आधार कार्ड क्यों जरूरी है बच्चों के लिए?
आधार कार्ड आज के समय में हर व्यक्ति के लिए एक अहम दस्तावेज बन चुका है, चाहे वह वयस्क हो या बच्चा। स्कूल में दाखिला हो, छात्रवृत्ति का आवेदन या सरकारी योजनाओं का लाभ — हर जगह आधार की मांग होती है। बच्चों के लिए आधार कार्ड विशेष रूप से तब जरूरी हो जाता है जब वह सरकारी योजनाओं का लाभ लेना चाहते हैं, जैसे:
स्कूल में नामांकन
छात्रवृत्ति के लिए आवेदन
प्रतियोगी परीक्षाओं में पंजीकरण
DBT (Direct Benefit Transfer) योजनाएं
लेकिन एक समस्या जो लगातार देखी जा रही थी वह ये कि बच्चे जब बड़े होते हैं तो उनका बायोमेट्रिक डेटा (जैसे फिंगरप्रिंट और आंखों की स्कैनिंग) बदल जाता है, और ऐसे में आधार अपडेट करवाना जरूरी हो जाता है।
UIDAI की नई योजना: स्कूलों से ही होगा अपडेट
UIDAI के सीईओ भुवनेश कुमार ने बताया कि देशभर में लगभग 7 करोड़ बच्चों के बायोमेट्रिक अपडेट अभी तक नहीं हुए हैं, जबकि UIDAI के नियमों के अनुसार 5 साल की उम्र के बाद बच्चों का बायोमेट्रिक अपडेट कराना अनिवार्य होता है।
अब यूआईडीएआई एक ऐसी योजना पर काम कर रहा है, जिससे यह प्रक्रिया आसान हो जाए। इसके तहत:
देश के हर जिले में बायोमेट्रिक मशीनें भेजी जाएंगी।
ये मशीनें एक स्कूल से दूसरे स्कूल में ले जाई जाएंगी।
माता-पिता की सहमति से बच्चों के बायोमेट्रिक अपडेट किए जाएंगे।
यह सेवा पूरी तरह मुफ्त होगी, अगर बच्चा 5 से 7 वर्ष के बीच का है।
यदि 7 साल से अधिक उम्र में अपडेट कराते हैं, तो ₹100 शुल्क लिया जाएगा।
इस योजना को अगले 45 से 60 दिनों में पूरे देश में लागू किया जा सकता है।
अपडेट न कराने पर क्या होगा?
यदि 7 साल की उम्र के बाद भी बच्चे का आधार बायोमेट्रिक अपडेट नहीं होता है, तो UIDAI के अनुसार उसका आधार कार्ड निष्क्रिय (Inactive) हो सकता है। इसका मतलब है कि वह:
सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले पाएगा,
स्कूल में नामांकन में कठिनाई हो सकती है,
छात्रवृत्तियों से वंचित रह सकता है।
इसलिए समय पर बायोमेट्रिक अपडेट कराना न सिर्फ जरूरी है, बल्कि आवश्यक भी है।
कॉलेज स्तर पर भी होगी यही प्रक्रिया
UIDAI यहीं नहीं रुक रहा। सीईओ भुवनेश कुमार ने बताया कि अब वह कॉलेजों में भी इसी तरह की प्रक्रिया लागू करने की योजना बना रहे हैं। यह योजना 15 वर्ष की आयु के बाद होने वाले बायोमेट्रिक अपडेट के लिए होगी।
नवजात शिशुओं और 5 साल से कम उम्र के बच्चों का आधार कार्ड बिना बायोमेट्रिक के बनता है। लेकिन जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है, उसके बॉयोमेट्रिक डेटा में बदलाव आता है, इसलिए अपडेट कराना जरूरी हो जाता है।
माता-पिता के लिए यह योजना क्यों फायदेमंद?
1. समय की बचत: अब अलग से आधार केंद्र नहीं जाना पड़ेगा।
2. पैसे की बचत: 5–7 साल के बच्चों का अपडेट मुफ्त में होगा।
3. सुविधा और सरलता: बच्चों का आधार उनके स्कूल में ही अपडेट हो जाएगा।
4. सभी स्कूलों में सुविधा: हर जिले में मशीनें होंगी, जिससे यह प्रक्रिया आसान होगी।
UIDAI की यह योजना बच्चों के आधार अपडेट को बेहद आसान और सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। इससे न केवल माता-पिता को राहत मिलेगी, बल्कि सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ लेना भी सरल हो जाएगा। यदि आप अपने बच्चे के आधार अपडेट को लेकर परेशान थे, तो अब चिंता छोड़ दीजिए, क्योंकि यह काम अब आपके बच्चे के स्कूल में ही हो जाएगा — वह भी बिल्कुल मुफ्त।
UIDAI has launched a new initiative to conduct Aadhaar biometric updates for children directly in schools, aiming to cover over 7 crore kids across India. This free Aadhaar update service will save time and effort for parents while ensuring continued access to government schemes, school admissions, and DBT benefits. With biometric machines being sent to every district, the process will become more convenient and efficient than ever.