सीरिया में हाल ही में विद्रोहियों ने राजधानी दमिश्क और सरकारी टीवी नेटवर्क पर कब्जा कर लिया है। इस विद्रोही गुट का नाम हयात तहरीर अल-शाम (HTS) है, जिसका नेतृत्व अबू मोहम्मद अल-जोलानी कर रहे हैं। इस विद्रोह के चलते राष्ट्रपति बशर अल-असद को देश छोड़कर भागना पड़ा। आइए जानते हैं कि हयात तहरीर अल-शाम और इसके नेता अबू मोहम्मद अल-जोलानी के बारे में विस्तार से।
हयात तहरीर अल-शाम (HTS) क्या है?
हयात तहरीर अल-शाम (HTS) एक विद्रोही संगठन है, जो लंबे समय से बशर अल-असद की सरकार के खिलाफ लड़ रहा है। यह संगठन पहले अल-कायदा की शाखा हुआ करता था। हालांकि, 2016 में HTS ने खुद को अल-कायदा से अलग कर लिया। इसके बावजूद, कई पश्चिमी देश इसे अभी भी एक आतंकी संगठन मानते हैं। HTS का मुख्य उद्देश्य सीरिया में असद शासन को उखाड़ फेंकना है।
कौन है अबू मोहम्मद अल-जोलानी?
अबू मोहम्मद अल-जोलानी का जन्म 1982 में हुआ था। उनका असली नाम अहमद हुसैन अल-शरहा है। उनका परिवार सीरिया की राजधानी दमिश्क के माजेह इलाके में रहता था और उनका संबंध गोलान हाइट्स से है। गोलान हाइट्स पर 1967 में इज़रायल ने कब्जा कर लिया था, जिसके कारण उनके परिवार को वहां से भागना पड़ा था।
अल-जोलानी का सफर:
- जोलानी ने शुरुआत में इराक में अमेरिकी सेनाओं के खिलाफ जिहादी लड़ाई लड़ी।
- बाद में उन्होंने सीरिया लौटकर अल-कायदा की स्थानीय शाखा “जबात अल-नुसरा” का नेतृत्व किया।
- 2016 में, उन्होंने अल-कायदा से नाता तोड़कर हयात तहरीर अल-शाम (HTS) की स्थापना की।
जोलानी खुद को एक आधुनिक और उदारवादी नेता के रूप में पेश करते हैं, लेकिन उनके संगठन पर कई चरमपंथी गतिविधियों के आरोप हैं।
जोलानी का मकसद:
अबू मोहम्मद अल-जोलानी का मुख्य लक्ष्य है:
“बशर अल-असद के शासन को उखाड़ फेंकना”।
उन्होंने हाल ही में CNN को दिए एक इंटरव्यू में कहा था:
“हमारी क्रांति का उद्देश्य इस शासन को हटाना है और इसके लिए हम सभी साधनों का उपयोग करेंगे।”
HTS और अंतरराष्ट्रीय नजरिया:
- हालांकि HTS ने अल-कायदा से दूरी बना ली है, लेकिन अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश इसे अभी भी एक आतंकी संगठन मानते हैं।
- जोलानी ने HTS को सीरिया में एक प्रभावी ताकत बना दिया है, जिसने विभिन्न विद्रोही गुटों को एकजुट किया।
सीरिया की मौजूदा स्थिति:
8 दिसंबर 2024 को HTS विद्रोहियों ने दमिश्क और सरकारी टीवी नेटवर्क पर कब्जा कर लिया। इस घटनाक्रम के बाद राष्ट्रपति बशर अल-असद एक विमान से अज्ञात स्थान के लिए रवाना हो गए। सीरियाई सेना से भी आत्मसमर्पण की अपील की गई है।
अबू मोहम्मद अल-जोलानी का उदय और HTS की बढ़ती ताकत ने सीरिया के राजनीतिक परिदृश्य को पूरी तरह बदल दिया है।