AC Temperature New Rules in India: Benefits, Expert Opinion, and Health Impact
क्या AC तापमान के नए नियम से आपको होगा फायदा? जानिए एक्सपर्ट की राय और हर पहलू की पूरी जानकारी
AIN NEWS 1: भारत सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जो हर उस व्यक्ति को प्रभावित करेगा जो एयर कंडीशनर (AC) का इस्तेमाल करता है। अब AC को 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे और 28 डिग्री से ऊपर नहीं चलाया जा सकेगा। इस नियम की घोषणा केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने की है। इसके तहत सभी नए AC में तापमान सेट करने की यह सीमा तय होगी।
इस फैसले के बाद इंटरनेट पर बहस छिड़ गई है। कुछ लोग इसे अनावश्यक सरकारी हस्तक्षेप मान रहे हैं, तो कुछ इसे ऊर्जा संरक्षण और स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद जरूरी कदम बता रहे हैं।
आइए, एक्सपर्ट्स की राय के आधार पर विस्तार से समझते हैं कि यह नियम आपके लिए फायदे का सौदा है या नुकसान का।
1. क्यों जरूरी था AC तापमान पर नियंत्रण का नियम?
AC के तापमान को स्टैंडरडाइज करने का विचार नया नहीं है। दुनिया के कई देश पहले से ही इस दिशा में कदम उठा चुके हैं:
जापान: गर्मियों में पब्लिक बिल्डिंग्स में AC को 28°C से कम नहीं चलाया जा सकता।
सिंगापुर: सार्वजनिक स्थानों पर 25°C से नीचे सेटिंग की इजाजत नहीं है।
दक्षिण कोरिया: यहां अधिकतम कूलिंग तापमान 26°C निर्धारित है।
भारत में भी अब यह नियम लागू हो रहा है। हालांकि यहां भी यह सीमा काफी व्यवहारिक रखी गई है—20°C से 28°C।
2. बिजली की बचत: हर डिग्री बढ़ाओ, 6% बिजली बचाओ
एयर कंडीशनिंग एक्सपर्ट शैलेंद्र शर्मा के अनुसार, हर 1 डिग्री तापमान बढ़ाने से बिजली की खपत लगभग 6% कम हो जाती है।
अगर आप AC को 24°C या 26°C पर चलाते हैं, तो न केवल आपकी बिजली की खपत कम होगी, बल्कि बिजली ग्रिड पर लोड भी घटेगा।
सरकार का अनुमान है कि इस नियम से 3 सालों में देश को 20 से 30 हजार करोड़ रुपये तक की बचत हो सकती है।
3. 16 डिग्री पर AC चलाना व्यावहारिक नहीं
अक्सर लोग AC को 16 डिग्री तक सेट कर देते हैं यह सोचकर कि जल्दी ठंडा होगा। लेकिन एक्सपर्ट्स बताते हैं कि:
बाहर अगर तापमान 40–45°C है, तो रूम का तापमान 16°C तक लाना लगभग नामुमकिन है।
ऐसा करने पर कंप्रेसर लगातार चलता रहता है, जिससे बिजली की खपत बहुत ज्यादा हो जाती है और AC पर दबाव भी बढ़ता है।
इसलिए 20 से 26 डिग्री के बीच तापमान सेट करना स्मार्ट और सस्टेनेबल विकल्प है।
4. AC की उम्र बढ़ेगी, रिपेयर खर्च घटेगा
किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की तरह, AC भी दो ही वजहों से जल्दी खराब होता है:
1. जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करने पर
2. बहुत लंबे समय तक न इस्तेमाल करने पर
शैलेंद्र शर्मा बताते हैं कि जब आप AC को 24-26 डिग्री पर चलाते हैं, तो कंप्रेसर रुक-रुक कर चलता है, जिससे वह ज्यादा गर्म नहीं होता और सिस्टम की लाइफ लंबी होती है।
लगातार 16-18°C पर चलने वाला AC जल्दी ओवरलोड होकर खराब हो सकता है।
5. स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद
ठंडा तापमान शरीर के लिए हमेशा अच्छा नहीं होता। खासकर जब आप 16-19°C के नीचे रहते हैं, तो कुछ समस्याएं आम हो सकती हैं:
गले में खराश
त्वचा का सूखना
मांसपेशियों में जकड़न
फेफड़ों में इंफेक्शन
24 से 26 डिग्री का तापमान मानव शरीर के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। यह थर्मल कंफर्ट, नींद की गुणवत्ता, और बुजुर्गों व बच्चों दोनों के लिए लाभकारी है।
6. गर्मियों में AC ब्लास्ट की घटनाओं में होगी कमी
हर साल गर्मियों में AC ब्लास्ट की खबरें आती हैं। ज्यादातर मामलों में इसका कारण होता है कंप्रेसर का लगातार चलना। जब AC बिना रुके चलता रहता है, तो सिस्टम ओवरहीट हो जाता है और ब्लास्ट का खतरा बढ़ता है।
20 डिग्री की न्यूनतम सीमा रखने से कंप्रेसर को आराम मिलेगा, जिससे ऐसे हादसे कम होंगे।
7. उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा असर: फायदा या नुकसान?
बहुत से लोग सोचते हैं कि सरकार उनके निजी उपकरण के इस्तेमाल में दखल दे रही है, लेकिन जब यह नियम लागू होगा तो फायदे सीधे आपकी जेब में दिखेंगे:
बिजली का बिल घटेगा
मेंटेनेंस खर्च कम होगा
AC की उम्र बढ़ेगी
शरीर के लिए सुरक्षित रहेगा
पावर कट और लोड शेडिंग की संभावना कम होगी
8. क्या यह नियम अनिवार्य होगा?
सरकार ने फिलहाल इस नियम को नई AC यूनिट्स पर लागू करने की बात कही है। यानी अब जो नए AC बाजार में आएंगे, उनमें यह तापमान सीमा पहले से सेट होगी।
पुराने AC पर यह नियम सीधा लागू नहीं होगा, लेकिन सरकार की मंशा यह है कि लोग खुद भी इस सीमा का पालन करें।
नया नियम है समझदारी का फैसला
सरकार का यह कदम ऊर्जा संरक्षण, स्वास्थ्य सुरक्षा और लंबी अवधि में उपभोक्ता हितों को ध्यान में रखकर लिया गया है।
एक तरफ यह कदम देश की बिजली व्यवस्था को बेहतर बनाएगा, दूसरी ओर यह उपभोक्ताओं को बिना समझौता किए फायदे भी देगा।
इसलिए एक्सपर्ट्स मानते हैं कि यह नियम बहुत पहले लागू हो जाना चाहिए था।
अगर आप भी AC को 16°C पर चलाकर खुद को ठंडा और स्मार्ट समझते हैं, तो अब वक्त है अपनी सोच को अपडेट करने का। क्योंकि असली समझदारी अब 24–26 डिग्री में है — जहां सेहत, पैसा और तकनीक — तीनों की सुरक्षा है।
The Indian government’s decision to regulate air conditioner temperature with a minimum limit of 20°C and maximum of 28°C is aimed at saving electricity, reducing AC compressor strain, and improving public health. Experts claim that maintaining ACs at 24°C to 26°C not only lowers power bills but also prevents health issues like sore throat, dry skin, and muscle stiffness. This policy aligns with global standards in countries like Japan, Singapore, and South Korea. Know the long-term benefits for both consumers and the environment.