AIN NEWS 1: चंडीगढ़ के सेक्टर 17 में सोमवार सुबह 7 बजे एक मल्टीस्टोरी बिल्डिंग गिरने से हड़कंप मच गया। यह बिल्डिंग लंबे समय से खाली पड़ी थी और इसका कोई निवासी नहीं था। गनीमत रही कि हादसे में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। घटना के बाद प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर बिल्डिंग को सील कर दिया।
इमारत में हो रहा था निर्माण कार्य
स्थानीय लोगों के अनुसार, इस इमारत में पिछले दो महीने से निर्माण कार्य चल रहा था, जिसके कारण इमारत की दीवारों में दरारें आ गई थीं। 27 दिसंबर को प्रशासन ने इसे सील कर दिया था, जब इमारत में दरारें आने की सूचना मिली। हादसे के बाद लोग यह बता रहे थे कि जब बिल्डिंग गिरी, तो ऐसा महसूस हुआ जैसे कोई ब्लास्ट हुआ हो, जिससे कुछ समय के लिए क्षेत्र में दहशत फैल गई।
बिल्डिंग का इतिहास और पास की इमारतें
यह इमारत चंडीगढ़ की प्रमुख लोकेशन पर स्थित थी। पहले इस इमारत में पूर्व केंद्रीय मंत्री हरमोहन धवन का होटल चलता था। बाद में इसे मालाबार ज्वैलर्स ने किराए पर ले लिया था। ज्वैलर ने बेसमेंट में रेनोवेशन का कार्य करवाया था, जिसके चलते इमारत के पिल्लरों में दरारें आईं। पास की इमारत के मालिक कंवलजीत सिंह सिद्धू ने बताया कि रेनोवेशन के दौरान उचित कदम नहीं उठाए गए, जिससे उनकी इमारतों को भी नुकसान हुआ।
सीलिंग के बाद ठेकेदार हुआ फरार
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इमारत की सीलिंग के बाद वहां काम कर रहे ठेकेदार ने मौके से भागकर फरार हो गया। प्रशासन ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। सेक्टर 17 थाना के SHO रोहित ने बताया कि बिल्डिंग को ‘अनसेफ’ घोषित कर दिया गया है। हालांकि, अब तक ठेकेदार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
चंडीगढ़ की हेरिटेज इमारतें और प्रशासन की सख्ती
चंडीगढ़ को भारत की पहली प्लांड सिटी माना जाता है, और यहां की इमारतें भी ऐतिहासिक हैं। सेक्टर 1 से लेकर 30 तक कई हेरिटेज बिल्डिंग्स स्थित हैं, जिनका निर्माण या रेनोवेशन प्रशासन की सख्त निगरानी में होता है। इस तरह की घटनाओं को देखते हुए प्रशासन अब और भी सतर्क हो गया है।
मोहाली में भी हुआ था मल्टीस्टोरी बिल्डिंग का हादसा
यह घटना चंडीगढ़ में अकेली नहीं है। इससे पहले मोहाली में 21 दिसंबर को भी एक मल्टीस्टोरी बिल्डिंग गिरने का मामला सामने आया था। उस हादसे में दो लोगों की जान चली गई थी। घटना के बाद बिल्डिंग के मालिक और ठेकेदार को गिरफ्तार किया गया था।
इस तरह के हादसों से यह स्पष्ट होता है कि निर्माण और रेनोवेशन कार्यों के दौरान सुरक्षा उपायों की अनदेखी से गंभीर दुर्घटनाएं हो सकती हैं। प्रशासन को अब इन मामलों पर और भी कड़ी नजर रखनी होगी।