AIN NEWS 1 नई दिल्ली: आध्यात्मिक मार्गदर्शक प्रेमानंद महाराज अपने गहरे विचारों और सरल व्याख्यानों के लिए प्रसिद्ध हैं। उनके सत्संग में शामिल होने के लिए भक्त दूर-दूर से आते हैं। उनके प्रवचनों में जीवन के कठिन सवालों के सरल और व्यावहारिक समाधान मिलते हैं।
हाल ही में एक भक्त ने प्रेमानंद महाराज से पूछा, “बाबा, दिमाग से टेंशन नहीं निकलती। क्या करूं?” इसके जवाब में महाराज ने जीवन को आनंदपूर्ण और तनावमुक्त बनाने के लिए अद्भुत उपाय बताए।
भगवान का चिंतन है तनाव का समाधान
प्रेमानंद महाराज ने कहा, “अगर हमारा दिमाग खाली है, तो उसमें गंदगी और नकारात्मकता भर जाएगी। इसलिए भगवान का चिंतन करना बेहद जरूरी है। जब हमारा मन भगवती चिंतन और भगवान के नाम में लगा रहता है, तो चिंता कुछ ही मिनटों में गायब हो जाती है।”
उन्होंने आगे बताया कि विवेक और आध्यात्म का सहारा लेकर हम किसी भी नकारात्मक भावना, जैसे द्वेष, को तुरंत नष्ट कर सकते हैं। आध्यात्मिकता के बिना नेगेटिव भावों को रोक पाना असंभव है।
चिंता पर जीत का सरल उपाय
प्रेमानंद महाराज ने कहा, “कितनी भी बड़ी चिंता हो, उसे भगवान का नाम जपने और चिंतन करने से मिटाया जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति आपको बुरा कहता है, तो यह मान लें कि वह आपके किसी पुराने कर्म का फल है। यह व्यक्ति तो केवल माध्यम है। भगवान हमें हमारे पापों का दंड देकर पवित्र कर रहे हैं।”
उन्होंने इसे भगवान का आशीर्वाद मानने की सलाह दी। यह सोच न केवल हमें तनाव से बचाती है, बल्कि हमारे जीवन में नई सकारात्मकता भर देती है।
विवेक और भक्ति का महत्व
प्रेमानंद महाराज ने कहा, “भगवान का नाम जपने से विवेक जागृत होता है। जब विवेक सक्रिय होता है, तो यह मात्र एक मिनट में चिंता को हटा सकता है। भगवत भक्ति ही वह साधन है, जो हमें मानसिक शांति और आनंद प्रदान करती है।”
उनके अनुसार, मानसिक शांति पाने के लिए जीवन में आध्यात्मिकता को जगह देना बेहद आवश्यक है। भगवान के नाम का नियमित जाप न केवल चिंता से छुटकारा दिलाता है, बल्कि जीवन को आनंदमय और सार्थक बनाता है।
प्रेमानंद महाराज के उपदेशों से यह स्पष्ट है कि जीवन के तनाव और नकारात्मकता का सामना करने के लिए भगवान का नाम और चिंतन सबसे कारगर उपाय है। उनके ये विचार हमें सिखाते हैं कि भक्ति और विवेक के माध्यम से हर समस्या का समाधान संभव है।
इसलिए, अगर आप भी तनावमुक्त और खुशहाल जीवन जीना चाहते हैं, तो प्रेमानंद महाराज की इस सीख को अपने जीवन में जरूर अपनाएं।