AIN NEWS 1 | दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) को मिली हार के बाद पंजाब में उसकी सरकार को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस और बीजेपी, का कहना है कि पंजाब में AAP सरकार जल्द ही गिर सकती है, और इसके पीछे कुछ विधायकों का पार्टी छोड़ने का खतरा है।
कांग्रेस के दावे
कांग्रेस नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा का दावा है कि पंजाब में मध्यावधि चुनाव हो सकते हैं, क्योंकि AAP के कई विधायक पार्टी छोड़ने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन विधायकों के कांग्रेस और अन्य दलों से संपर्क में होने की सूचना मिली है। कांग्रेस के अन्य नेता, जैसे प्रताप बाजवा, का कहना है कि 30 AAP विधायकों के उनके संपर्क में होने का दावा किया गया है। हालांकि, वे यह भी जोड़ते हैं कि कांग्रेस पार्टी इन विधायकों को अपने साथ लाने से बचने की कोशिश करेगी।
बीजेपी की प्रतिक्रिया
बीजेपी नेता बृजभूषण शरण सिंह का मानना है कि पंजाब में AAP सरकार कभी भी गिर सकती है। अन्य बीजेपी नेताओं ने भी इस आशंका को व्यक्त किया है कि केजरीवाल पंजाब में भी दिल्ली की तरह अपनी सरकार को खो सकते हैं, और इसके लिए वे अपनी “असफल कोशिशें” कर रहे हैं।
AAP की सफाई
AAP नेताओं ने इस मामले पर अपनी सफाई दी है। पंजाब सरकार में मंत्री बलजीत कौर का कहना है कि यह मीटिंग नियमित प्रक्रिया है, जिसमें पार्टी विधायकों से मिलने का यह सिलसिला जारी रहता है। उन्होंने कहा कि पंजाब में भगवंत मान की सरकार पर कोई खतरा नहीं है। अन्य AAP विधायकों ने भी इस बात की पुष्टि की कि इन मीटिंग्स का कोई विशेष संदर्भ नहीं है और सब कुछ ठीक चल रहा है।
यह देखना होगा कि आने वाले समय में यह सियासी हलचल पंजाब की सरकार पर किस तरह असर डालती है, और क्या AAP को भविष्य में नई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।