AIN NEWS 1| सूर्य और चंद्र ग्रहण न केवल खगोलीय घटना हैं, बल्कि हिन्दू धर्म में इन्हें विशेष धार्मिक महत्व भी प्राप्त है। ग्रहण का समय अक्सर अशुभ माना जाता है और इसके दौरान कुछ कार्यों से परहेज करना चाहिए। परंपराओं के अनुसार ग्रहण समाप्त होने के बाद कुछ विशेष क्रियाएं करना शुभ होता है। ये न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं बल्कि स्वास्थ्य, स्वच्छता और मानसिक शांति के लिए भी लाभकारी मानी जाती हैं।
🌕 ग्रहण समाप्ति के बाद क्या करें
1. स्नान और शुद्धिकरण
ग्रहण समाप्त होते ही स्नान करना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
गंगाजल या किसी शुद्ध जल से स्नान करने से शरीर और मन पवित्र होते हैं।
अगर गंगाजल उपलब्ध न हो, तो साधारण पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं।
धार्मिक मान्यता है कि इससे ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
वैज्ञानिक दृष्टि से, स्नान स्वच्छता और मानसिक ताजगी के लिए लाभकारी है।
2. घर की सफाई और वातावरण शुद्ध करना
ग्रहण के दौरान वातावरण अशुद्ध माना जाता है, इसलिए ग्रहण के बाद घर की सफाई करना शुभ है।
स्नान के बाद घर में गंगाजल छिड़कें।
पूजा स्थल और मंदिर को अच्छी तरह साफ करें।
दीपक जलाना और धूप करना वातावरण को शुद्ध करने का सरल उपाय है।
यह परंपरा मानसिक संतुलन और सकारात्मक वातावरण बनाने में मदद करती है।
3. देवताओं की पूजा और मंत्रजप
ग्रहण समाप्त होने के बाद भगवान की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
मूर्तियों को गंगाजल से शुद्ध करें।
नया दीपक जलाकर आरती करें।
“ॐ नमः शिवाय” या “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” जैसे मंत्रों का जप करें।
यह मानसिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ाने में मदद करता है।
वैज्ञानिक दृष्टि से, मंत्रजप और ध्यान तनाव कम करने और मानसिक स्थिरता बढ़ाने में सहायक हैं।
4. दान और पुण्य कार्य
ग्रहण समाप्त होने के बाद दान करना सबसे पुण्यकारी कार्य माना जाता है।
भोजन, कपड़े, अनाज, या जरूरतमंदों को देना शुभ है।
धार्मिक मान्यता है कि ग्रहण के बाद किया गया दान सामान्य समय की तुलना में कई गुना फलदायी होता है।
समाज में सहयोग और करुणा बढ़ाने का यह एक प्राकृतिक तरीका है।
5. भोजन और आहार संबंधी नियम
ग्रहण के दौरान भोजन अशुद्ध माना जाता है।
ग्रहण समाप्त होने के बाद नया भोजन बनाकर ही खाना चाहिए।
गर्भवती महिलाएं और बीमार लोग अपवाद हैं।
पुराने भोजन को फेंक देना स्वास्थ्य की दृष्टि से भी फायदेमंद है।
यह परंपरा हाइजीन और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करती है।
6. ध्यान और मानसिक शांति
ग्रहण के समय ध्यान और मंत्रजप विशेष फलदायी माना जाता है।
ग्रहण के बाद ध्यान करना मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाता है।
माला से 108 बार मंत्र जप करना शुभ माना जाता है।
यह मानसिक तनाव कम करता है और सोच को स्पष्ट करता है।
🌑 वैज्ञानिक दृष्टिकोण
वैज्ञानिक दृष्टि से, ग्रहण केवल सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी की स्थिति से जुड़ा प्राकृतिक घटना है।
स्नान और घर की शुद्धि सीधे वैज्ञानिक प्रमाण से नहीं जुड़ी हैं, लेकिन ये स्वच्छता, स्वास्थ्य और मानसिक संतुलन बढ़ाने में मदद करती हैं।
भोजन को नया बनाने की परंपरा भी वैज्ञानिक रूप से तर्कसंगत है क्योंकि लंबे समय तक रखा भोजन हानिकारक हो सकता है।
दान और सेवा समाज में सहयोग और करुणा को प्रोत्साहित करते हैं।
ग्रहण के बाद किए जाने वाले कार्य न केवल धार्मिक मान्यताओं का हिस्सा हैं बल्कि जीवन में अनुशासन, मानसिक शांति, स्वास्थ्य और सामाजिक सहयोग को बढ़ाने का भी साधन हैं।
स्नान और शुद्धिकरण
घर और पूजा स्थल की सफाई
देवताओं की पूजा और मंत्रजप
दान और सेवा
नया भोजन बनाना
ध्यान और मानसिक शांति
इन क्रियाओं को अपनाकर हम ग्रहण के दौरान उत्पन्न नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकते हैं और अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शांति ला सकते हैं।