प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 के दौरान एक ओर जहां श्रद्धालु आध्यात्म और साधना में लीन थे, वहीं 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के शाही स्नान के दौरान भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई। इस हादसे में आधिकारिक रूप से 30 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हो गए।
बचाव और राहत कार्य के बीच मददगार छात्र
भगदड़ के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों ने राहत कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। उन्होंने जरूरतमंदों को अपने हॉस्टल में शरण दी, पानी पिलाया और चाय वितरित की। 29 से 31 जनवरी तक कई ऐसे वीडियो सामने आए जिनमें छात्र-छात्राएं सड़कों पर श्रद्धालुओं की मदद करते नजर आए।
श्रद्धालुओं की मजबूरी का फायदा उठाने वाले ठग
जहां एक ओर लोग एक-दूसरे की मदद कर रहे थे, वहीं कुछ असामाजिक तत्व इस आपदा को अवसर में बदलने में लगे थे। भगदड़ के कारण परेशान श्रद्धालु अपने परिवार वालों को ढूंढ रहे थे और किसी भी तरह शहर से बाहर निकलना चाहते थे। इसी मौके का फायदा उठाकर कुछ लोग ठगी में जुट गए।
ये ठग बाइक पर श्रद्धालुओं को उनके गंतव्य तक छोड़ने का दावा कर रहे थे और एक व्यक्ति से 1000 से 2000 रुपये तक वसूल रहे थे। लेकिन, वे उन्हें कुछ ही दूरी पर छोड़कर गायब हो जाते थे, जिससे श्रद्धालु और अधिक परेशान हो जाते।
पुलिस की कार्रवाई और ठगों की चालाकी
जब श्रद्धालुओं की शिकायतें बढ़ीं तो पुलिस हरकत में आई। चौराहों पर तैनात पुलिसकर्मियों ने कई बाइकर्स को पकड़ा, जो 2-3 लोगों को एकसाथ ले जा रहे थे। ठगों ने पुलिस से बचने के लिए श्रद्धालुओं को यह सिखा रखा था कि यदि कोई पूछे तो कहें कि वे उन्हें मुफ्त में छोड़ने जा रहे हैं।
कैमरे में कैद हुई लूट की घटनाएं
पत्रकारों ने इस ठगी को उजागर करने के लिए खुद को यात्री बनाकर इन ठगों से बात की और छिपे कैमरे में उनकी लूट को कैद किया। कई घटनाओं में देखा गया कि कैसे श्रद्धालुओं से 10-20 रुपये की यात्रा के लिए 100-200 रुपये तक वसूले जा रहे थे।
पुलिस ने पकड़े लेकिन छोड़ा भी
बालशन चौराहे पर पुलिस ने कई बाइकर्स को रोका और उनसे पूछताछ की। जब उन्हें पकड़ा गया, तो वे गिड़गिड़ाने लगे और कहा कि वे सिर्फ सेवा कर रहे थे। चूंकि अधिकतर ठग छात्र निकले, पुलिस ने उन्हें चेतावनी देकर छोड़ दिया।
निष्कर्ष
महाकुंभ जैसे पवित्र आयोजन में श्रद्धालुओं की आस्था को ठगों ने अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया। प्रशासन को चाहिए कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए और श्रद्धालुओं को जागरूक किया जाए ताकि वे इस तरह की धोखाधड़ी से बच सकें।
During Mahakumbh 2025, a tragic stampede in Prayagraj led to multiple casualties, leaving pilgrims distressed and vulnerable. While university students stepped in to help, opportunistic fraudsters took advantage of the chaos, scamming pilgrims in Allahabad by overcharging for fake transport services. As police intervened, the scam came to light, exposing the dark side of religious tourism in India. Stay informed about such Kumbh Mela scams to avoid falling victim.