AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पुलिस महानिदेशक (DGP) के नेतृत्व में “भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस” की नीति को सख्ती से लागू किया जा रहा है। इसी कड़ी में आगरा पुलिस कमिश्नर श्री दीपक कुमार ने एक महत्वपूर्ण पहल की थी, जिसके तहत भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायतों को दर्ज करने के लिए एक विशेष हेल्पलाइन नंबर 7839860813 जारी किया गया। यह हेल्पलाइन 30 सितंबर 2025 को शुरू की गई थी, ताकि जनता सीधे तौर पर अपने अनुभव और शिकायतें पुलिस विभाग तक पहुंचा सके।
हेल्पलाइन नंबर के जारी होते ही जनता ने इसमें बड़ी संख्या में शिकायतें दर्ज करानी शुरू कर दीं। 1 अक्टूबर 2025 से अब तक प्राप्त शिकायतों की प्राथमिक जांच के बाद कई गंभीर मामले सामने आए। जांच में जिन पुलिसकर्मियों पर भ्रष्टाचार के आरोप साबित हुए, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई।
प्रारंभिक जांच के परिणामस्वरूप 1 निरीक्षक, 2 उपनिरीक्षक, 1 मुख्य आरक्षी और 2 आरक्षियों सहित कुल 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है। इसके अलावा, 2 अन्य आरक्षियों को लाइन हाजिर करते हुए उनके संबंधित जनपदों को आगे की विभागीय कार्रवाई या निलंबन की सिफारिश भेजी गई है।
यह कदम साफ तौर पर दर्शाता है कि आगरा पुलिस भ्रष्टाचार को लेकर किसी भी तरह की ढिलाई या समझौता नहीं करने जा रही है। पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने स्पष्ट किया है कि किसी भी पुलिसकर्मी के खिलाफ अगर रिश्वत, वसूली या अनुचित आचरण की शिकायत मिलती है तो उस पर तुरंत जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई निश्चित है।
जनता की भूमिका और प्रभाव
इस पहल की खास बात यह है कि अब आम नागरिक सीधे तौर पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। पहले कई बार ऐसा होता था कि भ्रष्टाचार से पीड़ित व्यक्ति डर या प्रक्रिया की जटिलता के कारण शिकायत दर्ज नहीं करा पाते थे। लेकिन अब एक साधारण फोन कॉल के माध्यम से वे अपनी बात रख सकते हैं।
हेल्पलाइन नंबर 7839860813 पर आने वाली सभी कॉल्स की रिकॉर्डिंग और ट्रैकिंग की जा रही है ताकि किसी भी मामले को नजरअंदाज न किया जा सके। पुलिस विभाग ने यह भी कहा है कि शिकायतकर्ता की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी, जिससे लोग बिना डर शिकायत कर सकें।
भ्रष्टाचार पर ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल के वर्षों में प्रशासनिक सुधार और पुलिस व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए कई कदम उठाए हैं। “जीरो टॉलरेंस” नीति का अर्थ यही है कि भ्रष्टाचार को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले भी कहा था कि जनता का विश्वास ही पुलिस की सबसे बड़ी पूंजी है, और अगर किसी पुलिसकर्मी की वजह से यह भरोसा टूटता है, तो उसे नौकरी में बने रहने का कोई अधिकार नहीं।
आगरा पुलिस कमिश्नरेट की यह कार्रवाई उसी सोच का हिस्सा है, जो पूरे प्रदेश में एक साफ और जिम्मेदार पुलिसिंग प्रणाली स्थापित करने की दिशा में उठाया गया कदम है।
पुलिस विभाग में सुधार की दिशा
आगरा पुलिस ने पिछले कुछ वर्षों में कई सुधारात्मक कदम उठाए हैं। इनमें पारदर्शिता बढ़ाने के लिए ऑनलाइन एफआईआर, डिजिटल मॉनिटरिंग, और सोशल मीडिया के माध्यम से जनता से संवाद जैसे प्रयास शामिल हैं।
अब भ्रष्टाचार के मामलों में हेल्पलाइन की शुरुआत ने इन सुधारों को और अधिक प्रभावी बना दिया है। इससे न सिर्फ पुलिसकर्मियों में जवाबदेही बढ़ी है, बल्कि जनता को भी यह भरोसा मिला है कि उनकी बात सुनी जा रही है।
पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने कहा कि, “हम जनता के भरोसे को कायम रखना चाहते हैं। अगर कोई पुलिसकर्मी इस भरोसे के खिलाफ जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
भविष्य की दिशा
इस हेल्पलाइन प्रणाली के तहत आने वाले समय में एक समर्पित टीम बनाई जाएगी, जो शिकायतों की त्वरित जांच कर रिपोर्ट तैयार करेगी। तकनीकी साधनों का उपयोग बढ़ाकर, भ्रष्टाचार के मामलों को ट्रैक करने की व्यवस्था भी विकसित की जा रही है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार, आने वाले महीनों में इस मॉडल को प्रदेश के अन्य जनपदों में भी लागू किया जा सकता है, ताकि पूरी यूपी पुलिस में एकसमान पारदर्शी व्यवस्था बने।
जनता का संदेश
सोशल मीडिया पर इस कार्रवाई की खूब सराहना हो रही है। कई नागरिकों ने इसे “साहसिक और आवश्यक कदम” बताया है। लोगों का कहना है कि अगर ऐसी सख्ती पूरे प्रदेश में जारी रही तो पुलिस की छवि में सकारात्मक बदलाव जरूर आएगा।
यह पहल न केवल भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की दिशा में एक उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि जनता और पुलिस के बीच पारदर्शी संवाद कैसे सुधार का माध्यम बन सकता है।
In a strong move towards zero tolerance against corruption, Agra Police Commissioner Deepak Kumar launched a dedicated corruption complaint helpline number 7839860813 on September 30, 2025. Following preliminary investigations of complaints received since October 1, 2025, six police officers, including an inspector and sub-inspectors, were suspended for corruption charges. Two constables were also sent for further inquiry. This initiative, under the vision of Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath, aims to ensure transparency, accountability, and public trust in law enforcement across the state.