AI-Generated Bikini Video of Jailed Muskan Goes Viral, Meerut Police Investigates
जेल में बंद मुस्कान का AI से बना आपत्तिजनक वीडियो वायरल, मेरठ पुलिस ने शुरू की जांच
AIN NEWS 1: मेरठ के चर्चित सौरभ मर्डर केस में जेल में बंद आरोपी मुस्कान को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जरिए बनाया गया एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें मुस्कान को एक थाना प्रभारी के साथ आपत्तिजनक स्थिति में दिखाया गया है। पुलिस ने इस वीडियो को पूरी तरह फेक बताया है और इसे बनाने व फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का ऐलान किया है।
कैसे वायरल हुआ यह वीडियो?
इस फेक वीडियो को ‘Priyanshu_Rocks_31’ नाम के इंस्टाग्राम अकाउंट से अपलोड किया गया था। सोशल मीडिया पर अपलोड होते ही यह वीडियो तेजी से वायरल हो गया और देखते ही देखते कई प्लेटफॉर्म्स पर शेयर किया जाने लगा। पुलिस ने इस अकाउंट की पहचान कर ली है और इसके खिलाफ साइबर अपराध के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
AI टेक्नोलॉजी का दुरुपयोग, गहराती जांच
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, इस वीडियो को एडवांस AI टूल्स की मदद से बनाया गया है। इस तरह के फेक कंटेंट का इस्तेमाल करके भ्रम फैलाना साइबर क्राइम की श्रेणी में आता है। मेरठ पुलिस ने साइबर सेल को सक्रिय कर दिया है और वीडियो बनाने व अपलोड करने वाले शख्स की तलाश की जा रही है।
मेरठ पुलिस की सख्त कार्रवाई का ऐलान
मेरठ के एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने इस मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि यह एक गंभीर साइबर अपराध है और दोषियों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने लोगों से अपील की है कि इस तरह के भ्रामक और फेक कंटेंट को शेयर करने से बचें।
“यह एक आपराधिक कृत्य है। AI तकनीक का दुरुपयोग कर इस तरह के फेक वीडियो बनाना और शेयर करना कानूनन अपराध है। पुलिस इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।” – एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह
सोशल मीडिया पर बढ़ती फेक कंटेंट की समस्या
हाल के वर्षों में, AI टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल फेक वीडियो बनाने के लिए बढ़ता जा रहा है। इस तकनीक का गलत इस्तेमाल करके आम जनता को भ्रमित करने और अफवाहें फैलाने का काम किया जा रहा है। ऐसे मामलों में पुलिस और साइबर क्राइम सेल लगातार निगरानी कर रही है, ताकि दोषियों को पकड़ा जा सके।
क्या करें अगर आपको ऐसा कोई वीडियो मिले?
1. सोशल मीडिया पर शेयर न करें: किसी भी संदिग्ध वीडियो को बिना जांचे-परखे शेयर करने से बचें।
2. पुलिस को सूचित करें: अगर आपको कोई ऐसा वीडियो मिलता है, तो तुरंत स्थानीय पुलिस या साइबर सेल को इसकी जानकारी दें।
3. फैक्ट-चेकिंग करें: किसी भी वायरल वीडियो की सच्चाई जांचने के लिए विश्वसनीय न्यूज़ स्रोतों का सहारा लें।
4. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को रिपोर्ट करें: अगर आपको कोई भ्रामक वीडियो मिलता है, तो इसे संबंधित प्लेटफॉर्म पर रिपोर्ट करें।
AI टेक्नोलॉजी के बढ़ते दुरुपयोग को देखते हुए, इस तरह की घटनाओं पर सख्त नियंत्रण जरूरी है। मेरठ पुलिस ने इस मामले में जांच तेज कर दी है और जल्द ही दोषियों को पकड़ने की बात कही है। ऐसे मामलों में जनता को भी सतर्क रहने और फेक न्यूज़ व फेक वीडियो को न फैलाने की जिम्मेदारी निभानी होगी।
The AI-generated video of jailed murder accused Muskan has created a stir on social media. The video, showing Muskan in a bikini alongside a police officer, is a deepfake created using AI technology. As the fake video controversy spreads, the Meerut Police has launched an investigation, warning against the dangers of AI-generated content and cyber crime. This case highlights the growing issue of social media fake content and the misuse of AI deepfake technology, urging authorities to take strict action against those responsible.