AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकरों को लेकर विवाद तेज हो गया है। पुलिस द्वारा रमजान के दौरान मस्जिदों में लाउडस्पीकर बजाने पर सख्ती करने के बाद मुस्लिम समुदाय के लोग सिर्फ दो मिनट के लिए अनुमति मांग रहे हैं। इस मामले में AIMIM पार्टी ने प्रशासन से लाउडस्पीकर बजाने की इजाजत मांगी है, जिससे सियासत गरमा गई है।
पुलिस की सख्ती से बढ़ा विवाद
संभल जिले में पुलिस ने हाईकोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकरों को हटाने का अभियान चलाया है। पुलिस का कहना है कि बिना अनुमति के लाउडस्पीकर बजाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
रमजान के महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग सहरी और इफ्तार के समय लाउडस्पीकर के जरिए अलर्ट किया करते थे। लेकिन पुलिस की सख्ती के बाद कई मस्जिदों से लाउडस्पीकर जब्त कर लिए गए हैं।
ग्रामीण इलाकों में अपनाया नया तरीका
गांवों में मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाए जाने के बाद लोगों ने सहरी के लिए ताशा बजाने का तरीका अपनाया है। मोहम्मदपुर मालिनी गांव के निवासी नाजिम ने बताया कि इस बार लाउडस्पीकर की जगह ताशे की आवाज से लोगों को उठाया जा रहा है।
AIMIM ने DM को लिखा पत्र
AIMIM नेता एडवोकेट शकील अहमद और चौधरी मुशीर ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर रमजान में दो मिनट के लिए लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति मांगी है। उनका कहना है कि 24 घंटे में सिर्फ एक या दो मिनट के लिए लाउडस्पीकर बजाने की इजाजत दी जाए ताकि इफ्तार और सहरी के समय की सूचना दी जा सके।
पुलिस का सख्त रुख
संभल के एसपी केके बिश्नोई ने बताया कि हाईकोर्ट और सरकार के आदेशों का पालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों पर बिना अनुमति के लाउडस्पीकर बजाने वालों के खिलाफ अब तक 6 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं।
विरोध के बावजूद सख्ती जारी
मौलवी और ग्रामीणों के विरोध के बावजूद पुलिस ने अब तक आधा दर्जन से ज्यादा मस्जिदों से लाउडस्पीकर जब्त कर लिए हैं। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई होगी।
संभल में लाउडस्पीकर विवाद रमजान के दौरान बड़ा मुद्दा बन गया है। पुलिस जहां कानून के तहत कार्रवाई कर रही है, वहीं मुस्लिम समुदाय इसे धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन मान रहा है। AIMIM ने प्रशासन से सीमित समय के लिए लाउडस्पीकर की अनुमति मांगी है, लेकिन फिलहाल प्रशासन ने किसी तरह की छूट देने से इनकार किया है।
The Sambhal loudspeaker controversy has intensified during Ramadan 2025 as police crack down on loudspeakers at religious places. The AIMIM party has written a letter to the DM seeking permission to use loudspeakers for just two minutes during Iftar. Meanwhile, villagers have started using traditional tasha (drums) to alert people for Sehri timings. The dispute continues as the administration remains firm on following High Court guidelines regarding noise pollution.