AIN NEWS 1 | एअर इंडिया विमान हादसे को लेकर कुछ विदेशी मीडिया रिपोर्ट्स ने दावा किया है कि पायलट ने जानबूझकर इंजन के फ्यूल कट-ऑफ स्विच को बंद कर दिया, जिससे विमान क्रैश हुआ, लेकिन एविएशन विशेषज्ञ कैप्टन ईशान खालिद ने इन अटकलों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि इन दावों के पीछे का गणित ही नहीं बैठता.
AAIB रिपोर्ट में क्या कहा गया?
दरअसल, 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रहे एअर इंडिया के ड्रीमलाइनर 787-8 विमान का क्रैश हुआ था, जिसमें 260 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी. एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, विमान ने 08:08:42 UTC पर अधिकतम स्पीड (180 नॉट्स) पाई और इसके तुरंत बाद दोनों इंजनों के फ्यूल स्विच एक-एक सेकंड के अंतर से रन से कट-ऑफ पर चले गए.
रिपोर्ट के अनुसार, जब एक इंजन का फ्यूल कट हुआ तो एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि उसने ऐसा क्यों किया. जवाब मिला कि उसने नहीं किया. इससे यह स्पष्ट नहीं होता कि स्विच जानबूझकर बंद किए गए थे या तकनीकी खराबी से.
कैप्टन ईशान खालिद ने क्या कहा?
कैप्टन ईशान खालिद ने NDTV से कहा, “अगर दोनों स्विच एक ही सेकंड में ऑफ हुए तो इसका मतलब किसी ने 500 मिलीसेकंड में दोनों बंद किए होंगे. कॉकपीट में इतनी तेजी से यह करना मुश्किल है.” उन्होंने यह भी कहा कि अगर दूसरा पायलट वाकई इंजन चालू करना चाहता था तो उसने 10 सेकंड क्यों लगाए?
तकनीकी खराबी से इंजन बंद होने की आशंका
खालिद का मानना है कि संभवतः कोई इलेक्ट्रिकल सिग्नल था, जिससे फ्यूल सप्लाई बंद हो गई. पायलट बाद में इंजन दोबारा स्टार्ट करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी.
32 सेकंड में हादसा, मेडिकल कॉलेज पर गिरा विमान
विमान ने टेक-ऑफ के 32 सेकंड बाद एक मेडिकल कॉलेज परिसर में क्रैश कर गया. हादसे में 241 यात्री समेत 260 से ज्यादा लोगों की जान गई. इस हादसे की जांच अभी जारी है.
The preliminary investigation into the recent Air India incident has raised a critical question: how did both engine fuel switches turn off within a single second? Aviation experts are calling it a highly unusual and alarming event, as such simultaneous shutdowns are rare and potentially catastrophic. The incident has triggered concerns about aircraft system integrity, possible technical malfunctions, or human error. As the aviation authority continues its probe, experts emphasize the need for stringent safety checks and deeper analysis to prevent such anomalies in the future.