AIN NEWS 1 | रिलायंस जियो इन्फोकॉम के चेयरमैन आकाश अंबानी ने हाल ही में मुंबई टेक वीक कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसमें उन्होंने काम के घंटों की बजाय काम की गुणवत्ता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “मेरे लिए किसी दफ्तर में बिताए गए कामकाजी घंटों से ज्यादा, काम की गुणवत्ता मायने रखती है।” यह बयान उस बहस के बीच आया है, जिसमें कुछ उद्योगपतियों का मानना है कि अधिक घंटे काम करने से बेहतर परिणाम मिलते हैं, जबकि कुछ लोग काम के घंटों को सीमित रखने के पक्ष में हैं।
आकाश अंबानी ने यह भी कहा कि काम और परिवार दोनों उनके जीवन की प्राथमिकताएं हैं। उन्होंने आगे कहा, “किसी व्यक्ति के लिए अपनी प्राथमिकताओं को जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है, और मुझे लगता है कि यह संतुलन बनाए रखना जरूरी है।”
इससे पहले नारायणमूर्ति जैसे उद्योगपतियों ने यह राय व्यक्त की थी कि भारतीयों को देश के विकास के लिए हफ्ते में 70 घंटे काम करना होगा। वहीं, एक और पक्ष हफ्ते में 50 घंटे से कम काम करने का समर्थन करता है।
आकाश अंबानी ने अपनी कंपनी के बारे में भी कुछ महत्वपूर्ण बातें साझा कीं। उन्होंने बताया कि रिलायंस ने कृत्रिम मेधा (एआई) के क्षेत्र में मार्गदर्शन के लिए 1,000 से अधिक डेटा वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और इंजीनियरों की एक टीम बनाई है। इसके अलावा, कंपनी जामनगर में एक गीगावाट क्षमता वाला डेटा सेंटर भी बना रही है, जो देश की एआई यात्रा को गति प्रदान करेगा।
आकाश अंबानी ने यह भी उल्लेख किया कि रिलायंस ग्राफिक प्रसंस्करण इकाई (जीपीयू) की पेशकश पर विचार कर रही है, जो व्यापक परिवेश के लाभ में सहायक हो सकती है।
यह बयान न केवल काम के घंटों की बहस को एक नया दृष्टिकोण देता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि आकाश अंबानी और रिलायंस का ध्यान तकनीकी नवाचार और कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर भी है, जो भारत के डिजिटल भविष्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।