AIN NEWS 1: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाल ही में एक बयान दिया है, जिसमें उन्होंने सरकार की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जब यह स्पष्ट था कि कई लोगों की मौत हो चुकी है और उनके शव अस्पतालों और मोर्चरी में पड़े थे, तब सरकार ने अपने सरकारी हेलीकॉप्टर में फूल भरे और उनकी वर्षा कराई। उन्होंने इसे ‘सनातनी परंपरा’ के नाम पर किया गया दिखावा करार दिया और सरकार पर संवेदनहीनता का आरोप लगाया।
मृतकों के सामान को JCB और ट्रैक्टर से हटाया गया
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि जिस स्थान पर यह त्रासदी हुई, वहां बड़ी संख्या में चप्पलें, कपड़े और साड़ियां बिखरी पड़ी थीं। सरकार ने JCB मशीनों और ट्रैक्टर ट्रॉलियों की मदद से इन सामानों को उठाकर हटा दिया। उन्होंने सवाल किया कि इन चीजों को आखिर ले जाकर कहां फेंका गया? क्या सरकार पीड़ितों की यादों को मिटाने की कोशिश कर रही है?
खबरें दबाने का लगाया आरोप
अखिलेश यादव ने यह भी दावा किया कि सरकार इस घटना से जुड़ी खबरों को दबाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि ऐसा सुनने में आ रहा है कि सरकार कुछ लोगों पर दबाव बना रही है और ‘मीठा’ देकर मामले को शांत कराने की कोशिश कर रही है ताकि यह खबर बाहर न आ सके।
सरकार की भूमिका पर उठे सवाल
इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। विपक्ष सरकार पर लगातार हमलावर है और सवाल कर रहा है कि इस तरह की संवेदनहीनता क्यों दिखाई गई? क्या सरकार सिर्फ दिखावे की राजनीति कर रही है?
अखिलेश यादव के इस बयान से सरकार पर दबाव बढ़ सकता है। विपक्ष लगातार सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश कर रहा है, जबकि सरकार इस मामले पर सफाई देने से बचती दिख रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विवाद पर आगे क्या प्रतिक्रिया आती है और क्या सरकार इन आरोपों का जवाब देती है।
Samajwadi Party Chief Akhilesh Yadav has strongly criticized the government’s response to a recent tragedy, questioning the Sanatani tradition behind showering flower petals while bodies lay in the mortuary. He raised concerns about how victims’ belongings, including slippers and sarees, were removed using JCB machines and tractor trolleys, with no clarity on their disposal. Yadav further alleged that the government is suppressing news of the incident by exerting pressure and offering sweeteners to control the narrative. This statement has intensified the political controversy in Uttar Pradesh politics, raising serious concerns about government accountability and transparency.