AIN NEWS 1: सेंसर बोर्ड ने अक्षय कुमार के एंटी-स्मोकिंग विज्ञापन को हटाने का फैसला लिया है, जिससे अब थिएटर्स में नंदू का प्रसिद्ध “फू-फू” दृश्य नहीं दिखाई देगा। इस विज्ञापन में नंदू और अक्षय कुमार के बीच की बातचीत को काफी पसंद किया गया था, लेकिन अब इसे समाप्त कर दिया गया है।
विज्ञापन का संक्षिप्त परिचय
अक्षय कुमार का यह विज्ञापन पिछले छह सालों से थिएटर्स में दिखाया जा रहा था। इसमें अक्षय कुमार साइकिल पर आते हैं और नंदू को यह समझाते हैं कि सिगरेट पर पैसे खर्च करने के बजाय उसे अपनी पत्नी के स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए। नंदू की बीवी अस्पताल में है, और इस दौरान अक्षय उसे समझाते हैं कि उसे अपनी पत्नी के लिए सेनेटरी पैड खरीदने चाहिए। इस विज्ञापन ने लोगों को धूम्रपान के खतरों के बारे में जागरूक किया।
सेंसर बोर्ड का निर्णय
हालांकि, सेंसर बोर्ड ने इस विज्ञापन को हटाने का निर्णय लिया है और इसकी जगह एक नया विज्ञापन दिखाने का फैसला किया है। इस निर्णय के पीछे का कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन सोशल मीडिया पर यूजर्स ने इस पर मजेदार प्रतिक्रियाएं दी हैं। कुछ लोग इस बदलाव को लेकर निराश हैं, जबकि अन्य ने मौज ली है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
यूजर्स ने ट्विटर पर नंदू और मुकेश को विदाई देने की शुरुआत कर दी है। एक यूजर ने लिखा, “नंदू को हटा दिया और मुकेश जलवा दिखा गया,” जबकि दूसरे ने कहा, “बस इसे ही देखने तो थिएटर जाता था, वो भी हटा लिया।” इस तरह के कमेंट्स ने दर्शाया है कि नंदू का यह विज्ञापन कितनी लोकप्रियता हासिल कर चुका था।
नंदू और अक्षय का स्क्रीन टाइम
इस विज्ञापन के साथ-साथ, अक्षय कुमार और नंदू का किरदार निभाने वाले अजय सिंह पाल हाल ही में “स्त्री 2” फिल्म में भी नजर आए थे। इससे यह स्पष्ट होता है कि नंदू का किरदार भारतीय सिनेमा में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता था।
निष्कर्ष
अक्षय कुमार का एंटी-स्मोकिंग विज्ञापन न केवल मनोरंजन का साधन था, बल्कि यह लोगों को धूम्रपान से होने वाले नुकसानों के प्रति जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास भी था। हालांकि सेंसर बोर्ड के इस निर्णय ने इस चर्चित विज्ञापन को खत्म कर दिया है, लेकिन नंदू और अक्षय के संवाद हमेशा याद किए जाएंगे। अब देखने वाली बात यह है कि नए विज्ञापन में दर्शकों को कौन सा संदेश दिया जाएगा।