Aligarh Controversy: Hindu Shopkeeper Offers Namaz in Mosque, Sparks Purification Demand
अलीगढ़ में हिंदू दुकानदार के मस्जिद में नमाज पढ़ने पर विवाद, शुद्धिकरण की उठी मांग
AIN NEWS 1: अलीगढ़ में एक हिंदू दुकानदार द्वारा मस्जिद में नमाज पढ़ने का मामला विवाद का कारण बन गया है। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद, दक्षिणपंथी संगठनों और बीजेपी युवा मोर्चा (BJYM) के नेताओं ने इसे धार्मिक अपमान बताया और दुकानदार से शुद्धिकरण की मांग की।
क्या है पूरा मामला?
मामू भांजा क्षेत्र के निवासी सुनील राजानी, जो पेशे से दुकानदार हैं, ने अपने मुस्लिम पड़ोसियों के साथ मस्जिद में जाकर नमाज अदा की। उन्होंने इसे आकस्मिक निर्णय बताया, लेकिन जब इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो दक्षिणपंथी संगठनों ने कड़ा विरोध जताया।
दक्षिणपंथी संगठनों की प्रतिक्रिया
बीजेपी युवा मोर्चा के नेता मोनू अग्रवाल ने इस घटना को धार्मिक भावनाओं के खिलाफ बताते हुए शुद्धिकरण की मांग की। उन्होंने कहा कि राजानी को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए और मंदिर में जाकर शुद्धिकरण अनुष्ठान करना चाहिए। उनका मानना है कि यह कदम हिंदू समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है।
सुनील राजानी की सफाई
जब यह विवाद बढ़ा, तो सुनील राजानी ने अपनी सफाई में कहा कि उन्होंने बिना किसी विशेष मकसद के यह कदम उठाया था। उन्होंने बताया कि यह एक भावनात्मक क्षण था और किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का कोई इरादा नहीं था। बाद में, उन्होंने गंगाजल से स्वयं को शुद्ध करने का प्रयास किया।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर बहस तेज हो गई है। जहां कुछ लोगों ने इसे हिंदू-मुस्लिम सौहार्द का उदाहरण बताया, वहीं कुछ दक्षिणपंथी संगठनों ने इसे धार्मिक परंपराओं का उल्लंघन करार दिया।
पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
अब तक इस मामले में कोई आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं हुई है और पुलिस ने भी कोई हस्तक्षेप नहीं किया है। हालांकि, इस विवाद के कारण अलीगढ़ का माहौल गरमाया हुआ है।
क्या कहता है संविधान?
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 25 प्रत्येक नागरिक को धर्म की स्वतंत्रता देता है। कोई भी व्यक्ति अपनी इच्छानुसार किसी भी धर्म को मान सकता है और उसकी प्रथाओं का पालन कर सकता है।
समाज में मिली-जुली प्रतिक्रिया
इस घटना पर मामू भांजा क्षेत्र के लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आई है। कुछ लोग इसे धार्मिक सौहार्द और आपसी भाईचारे का प्रतीक मान रहे हैं, तो कुछ इसे धार्मिक भावनाओं का अपमान बता रहे हैं।
अलीगढ़ में यह घटना सांप्रदायिक सद्भाव और धार्मिक परंपराओं के बीच बहस को दर्शाती है। जहां कुछ लोग इसे एक सकारात्मक कदम मान रहे हैं, वहीं कुछ इसे धर्म के प्रति असंवेदनशीलता बता रहे हैं। यह मामला भारतीय समाज में धार्मिक सहिष्णुता और पारंपरिक मान्यताओं को लेकर जारी बहस को उजागर करता है।
A controversy erupted in Aligarh after a Hindu shopkeeper offered namaz in a mosque, triggering a strong reaction from right-wing groups. The incident went viral on social media, with BJP Yuva Morcha leaders calling it a violation of religious sentiments and demanding purification rituals. While some see it as an act of Hindu-Muslim unity, others believe it disrespects religious traditions. This Aligarh namaz controversy continues to spark heated debates online.