AIN NEWS 1 | उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कल्याण सिंह की चौथी पुण्यतिथि पर अलीगढ़ में आयोजित हिंदू गौरव दिवस कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ऐसा बयान दिया, जिसने पूरे प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है।
मौर्य ने मंच से स्पष्ट कहा कि अलीगढ़ का नाम बदलकर हरिगढ़ करने का समय अब नजदीक है। उन्होंने इस मौके पर कल्याण सिंह के योगदान को याद किया और उन्हें भारत रत्न देने की मांग भी रखी।
अलीगढ़ का नाम बदलने पर इशारा
कार्यक्रम के दौरान केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि “मेरे मन में जो इच्छा लंबे समय से है, उसे आज मैं सबके सामने रख रहा हूं। जिस प्रकार बाबूजी को पद्म विभूषण मिला है, उसी तरह उन्हें भारत रत्न मिलना चाहिए। और जहां तक अलीगढ़ का सवाल है, इसका नाम बदलकर हरिगढ़ करना अब देर नहीं होनी चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा सरकार ने पहले भी कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या किया गया, इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज हुआ और हाल ही में जलालाबाद को परशुराम पुरी नाम दिया गया है। ठीक उसी तरह अलीगढ़ को हरिगढ़ के नाम से जाना जाएगा।
कल्याण सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि 2027 में
केशव प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि “बाबूजी को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि 2027 के विधानसभा चुनाव में हम सपा का सूपड़ा साफ करें। भ्रष्टाचार, गुंडागर्दी और माफियागिरी को हमेशा के लिए खत्म करना ही हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।”
उन्होंने याद दिलाया कि साल 2000 में पहली बार भाजपा की सरकार उत्तर प्रदेश में कल्याण सिंह के नेतृत्व में बनी थी। आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश प्रगति कर रहा है। मौर्य ने कहा कि चाहे सपा, बसपा और कांग्रेस सब मिल भी जाएं, लेकिन 2027 में 2017 जैसा ही परिणाम देखने को मिलेगा।
हिंदू गौरव दिवस में माहौल
हिंदू गौरव दिवस के इस कार्यक्रम में भारी भीड़ उमड़ी। मंच से बार-बार यह संदेश दिया गया कि भाजपा की सरकार केवल प्रशासनिक फैसले ही नहीं ले रही, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान को भी पुनर्जीवित कर रही है। अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ किए जाने की घोषणा ने कार्यक्रम में मौजूद कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा भर दी।
नाम बदलने की परंपरा और राजनीति
उत्तर प्रदेश में शहरों और जिलों के नाम बदलने की परंपरा नई नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में कई बड़े बदलाव हुए हैं।
फैजाबाद → अयोध्या
इलाहाबाद → प्रयागराज
जलालाबाद → परशुराम पुरी
इसी कड़ी में अब अलीगढ़ का नाम बदलकर हरिगढ़ करने की बात जोर पकड़ रही है। यह कदम न सिर्फ धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, बल्कि राजनीतिक रूप से भी भाजपा के लिए बड़ा लाभकारी हो सकता है।
राजनीतिक संदेश
डिप्टी CM के बयान को राजनीतिक नजरिए से भी देखा जा रहा है। आने वाले चुनावों में भाजपा अपनी छवि को हिंदुत्व, सांस्कृतिक गौरव और विकास के मुद्दों पर और मजबूत करना चाहती है। अलीगढ़ का नाम बदलने का फैसला भाजपा के इसी एजेंडे को मजबूत करता है।
जनता की प्रतिक्रिया
अलीगढ़ के नाम परिवर्तन को लेकर जनता के बीच मिलीजुली प्रतिक्रिया सामने आ रही है।
कुछ लोग इसे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को पुनर्जीवित करने वाला कदम मानते हैं।
वहीं, विरोधी दल इसे जनता की असली समस्याओं से ध्यान भटकाने की राजनीति बता रहे हैं।
डिप्टी CM के इस बयान के बाद अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ करने की चर्चा और तेज हो गई है। भाजपा कार्यकर्ता इसे कल्याण सिंह की विरासत और भाजपा की हिंदुत्व की राजनीति का हिस्सा मान रहे हैं। वहीं विपक्ष इसे 2027 के चुनावी मुद्दे के रूप में देख रहा है। अब देखना होगा कि आने वाले समय में यह फैसला आधिकारिक रूप से कब लागू होता है।



















