AIN NEWS 1: गुरुग्राम स्थित चिंटल्स पैराडिसो सोसाइटी के सभी 9 टावर असुरक्षित घोषित किए गए हैं, और अब इन्हें ध्वस्त करने का निर्णय लिया गया है। सोसाइटी के ए, बी और सी टावरों को भी असुरक्षित मानते हुए इन्हें जल्द खाली करने के लिए कहा गया है। इससे पहले, पिछले साल डी, ई, एफ, जी, एच और जे टावरों को भी असुरक्षित घोषित किया गया था, जिनके गिराने का आदेश पहले ही दिया जा चुका है।
सीएसआईआर-सीबीआरआई द्वारा ऑडिट के बाद लिया गया निर्णय
चिंटल्स पैराडिसो सोसाइटी में कुल 9 टावर हैं। इनमें से ए, बी, सी, डी, ई, एफ, जी, एच और जे टावर शामिल हैं। सोसाइटी में इन सभी टावरों का संरचनात्मक ऑडिट सीएसआईआर-सीबीआरआई (CSIR-CBRI) द्वारा किया गया था। पिछले साल हुए ऑडिट के बाद डी, ई, एफ, जी, एच और जे टावरों को असुरक्षित घोषित कर दिया गया था और इन्हें गिराने का आदेश दिया गया था। अब 22 नवंबर 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, टावर बी को भी असुरक्षित घोषित किया गया है। इसके बाद, कंपनी ने जिला प्रशासन से अनुरोध किया है कि ए, बी और सी टावरों को तत्काल खाली करके ध्वस्त किया जाए ताकि कोई बड़ी दुर्घटना न हो।
कंपनी द्वारा मुआवजे की घोषणा
चिंटल्स इंडिया ने जिला प्रशासन को पत्र भेजकर टावर खाली करने के लिए निवेदन किया है। इसमें कंपनी ने यह भी बताया कि टावर खाली करने वाले निवासियों को शिफ्टिंग के लिए 40-40 हजार रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा, फ्लैट्स के मौजूदा बाजार मूल्य और इंटीरियर्स के खर्च का आकलन करने के बाद उचित मुआवजा देने का आश्वासन भी दिया गया है। कंपनी ने यह चेतावनी भी दी है कि यदि टावर खाली नहीं किए गए और कोई दुर्घटना होती है तो इसकी जिम्मेदारी कंपनी नहीं लेगी। इस पर अंतिम फैसला जिला प्रशासन को लेना है।
एडिफाइस इंजीनियरिंग द्वारा टावरों का ध्वस्तकरण
चिंटल्स इंडिया ने पहले से असुरक्षित घोषित किए गए टावरों को गिराने का ठेका एडिफाइस इंजीनियरिंग को दिया है। कंपनी ने यह भी पुष्टि की है कि टावर बी को गिराने का ठेका भी एडिफाइस इंजीनियरिंग को ही सौंपा गया है, और इस टावर का भी जल्द ही ध्वस्तकरण किया जाएगा।
निवासियों के लिए संकट
चिंटल्स पैराडिसो सोसाइटी के निवासी अब डर और असमंजस में हैं, क्योंकि उन्हें जल्द ही अपने घरों को छोड़ने का आदेश दिया गया है। हालांकि, कंपनी ने उन्हें शिफ्टिंग और मुआवजे के लिए कुछ राहत देने का वादा किया है, लेकिन यह स्थिति उनके लिए एक बड़ा संकट बनकर सामने आई है।