AIN NEWS 1: प्रयागराज की इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए भदोही से बाहुबली पूर्व विधायक विजय मिश्रा के बेटे विष्णु मिश्रा को जमानत दे दी है। यह जमानत आर्म्स एक्ट से जुड़े उस मामले में मिली है, जिसमें वर्ष 2022 में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
जस्टिस राजबीर सिंह की अदालत ने विष्णु मिश्रा की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। हालांकि, यह भी साफ है कि विष्णु मिश्रा के खिलाफ पहले से ही कई गंभीर मामले दर्ज हैं, जिनमें दुष्कर्म का केस भी शामिल है।
आर्म्स एक्ट का मामला क्या है?
साल 2022 में भदोही जिले के गोपीगंज थाने में विष्णु मिश्रा के खिलाफ आर्म्स एक्ट की धाराओं 3, 7, 25 और 29-B के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने 4 अगस्त 2022 को भदोही के अमवा स्थित एक पेट्रोल पंप पर बड़ी कार्रवाई की थी।
इस दौरान पुलिस को भारी मात्रा में असलहा और कारतूस बरामद हुए थे। इनमें शामिल थे:
9MM के पांच कारतूस
9MM की एक पिस्तौल
4 मैगजीन
375 कारतूस
और एक एके-47 राइफल
इतनी बड़ी मात्रा में हथियार मिलने के बाद पुलिस ने तत्काल एफआईआर दर्ज कर ली और मामले की जांच शुरू कर दी थी।
विजय मिश्रा और उनका परिवार
विजय मिश्रा उत्तर प्रदेश की राजनीति का जाना-पहचाना नाम रहे हैं। उन्हें बाहुबली नेताओं में गिना जाता है। वह कई बार विधायक रह चुके हैं और लंबे समय तक भदोही क्षेत्र में उनका दबदबा बना रहा।
लेकिन राजनीति के साथ-साथ उनका नाम विवादों और अपराध के मामलों में भी जुड़ता रहा है। विजय मिश्रा पर पहले से ही कई मुकदमे दर्ज हैं और फिलहाल वे आगरा जेल में बंद हैं।
उनके बेटे विष्णु मिश्रा का भी नाम लगातार विवादों में रहा है। विष्णु पर दुष्कर्म समेत कई अन्य गंभीर आरोप हैं.
दुष्कर्म का मामला
विजय मिश्रा और उनके बेटे विष्णु मिश्रा पर एक गायिका ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। इस मामले ने उस समय काफी सुर्खियां बटोरी थीं।
गायिका की शिकायत पर पुलिस ने दोनों के खिलाफ केस दर्ज किया था। इसी कारण पिता और बेटे दोनों की कानूनी मुश्किलें और बढ़ गई थीं।
जेल में पिता और बेटा
फिलहाल विजय मिश्रा आगरा की जेल में बंद हैं, जबकि उनका बेटा विष्णु मिश्रा लखीमपुर खीरी जेल में कैद है। दोनों के खिलाफ कई मामले विचाराधीन हैं और अदालतों में सुनवाई जारी है।
हालांकि विष्णु मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट से इस आर्म्स एक्ट मामले में जमानत मिल गई है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह जेल से बाहर आ पाएंगे। उन पर अन्य मामलों में भी आरोप हैं और जब तक उन पर राहत नहीं मिलती, तब तक उनकी रिहाई संभव नहीं है।
हाईकोर्ट का फैसला क्यों अहम है?
इलाहाबाद हाईकोर्ट का यह फैसला इसलिए अहम है क्योंकि आर्म्स एक्ट के मामले में पुलिस ने बड़ी मात्रा में हथियार बरामद किए थे। यह मामला काफी गंभीर माना जा रहा था।
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद विष्णु मिश्रा की कानूनी लड़ाई को थोड़ी राहत जरूर मिली है, लेकिन अन्य मामलों के कारण वह अभी भी जेल में रहेंगे।
इलाके में चर्चा
भदोही और प्रयागराज के स्थानीय लोगों में यह मामला एक बार फिर चर्चा का विषय बना हुआ है। विजय मिश्रा और उनका परिवार पहले भी अपनी पकड़ और विवादों के कारण सुर्खियों में रहता आया है।
लोगों का कहना है कि कानून के शिकंजे में आने के बाद से मिश्रा परिवार का राजनीतिक प्रभाव काफी कमजोर हुआ है। वहीं, विरोधी दल और सामाजिक संगठन भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते रहे हैं।
इलाहाबाद हाईकोर्ट का यह आदेश केवल एक मामले से जुड़ा है। विष्णु मिश्रा के खिलाफ दर्ज अन्य मामलों पर अदालतों का फैसला आना अभी बाकी है।
फिलहाल यह साफ है कि विजय मिश्रा और उनका बेटा विष्णु दोनों ही लंबे समय तक कानूनी जंग लड़ते रहेंगे। एक ओर जहां उन्हें अदालत से राहत मिल रही है, वहीं दूसरी ओर नए-नए मामले भी उनके सामने चुनौती बने हुए हैं।
Allahabad High Court granted bail to Vishnu Mishra, son of former MLA and Bahubali leader Vijay Mishra, in a high-profile Arms Act case registered in Bhadohi in 2022. Police had recovered an AK-47, pistol, magazines, and hundreds of cartridges during the raid. Despite the bail, Vishnu Mishra remains in Lakhimpur Kheri jail as he faces multiple other criminal cases including a rape charge, while his father Vijay Mishra continues to be lodged in Agra jail.