Amanatullah Khan Framed in Delhi Waqf Board Scam Case | Court Proceedings Ongoing
वक्फ बोर्ड घोटाले में ओखला विधायक अमानतुल्लाह खान पर आरोप तय, कोर्ट में मुकदमा जारी
AIN NEWS 1: दिल्ली की राजनीति एक बार फिर सुर्खियों में है। ओखला विधानसभा क्षेत्र से आप (Aam Aadmi Party) के विधायक अमानतुल्लाह खान का नाम दिल्ली वक्फ बोर्ड से जुड़े कथित भ्रष्टाचार मामले में सामने आया है। राउस एवेन्यू कोर्ट ने हाल ही में इस मामले में अमानतुल्लाह खान समेत कई अन्य आरोपियों पर आरोप तय कर दिए हैं।
वक्फ बोर्ड क्या है और विवाद क्यों हुआ?
वक्फ बोर्ड एक सरकारी निकाय है, जिसका मुख्य काम मुस्लिम समुदाय की धार्मिक संपत्तियों का प्रबंधन करना है। इसमें मस्जिदें, कब्रिस्तान, दरगाह और अन्य धार्मिक स्थल शामिल होते हैं। आरोप है कि अमानतुल्लाह खान, जो उस समय वक्फ बोर्ड के चेयरमैन थे, ने 2016 से 2021 के बीच बोर्ड में कई लोगों को नियम विरुद्ध नियुक्त किया।
CBI (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) का कहना है कि इन अवैध नियुक्तियों के कारण सरकार को लगभग 27 लाख रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ। इतना ही नहीं, आरोप यह भी है कि नियुक्तियां व्यक्तिगत लाभ और राजनीतिक प्रभाव बढ़ाने के लिए की गईं।
कोर्ट की कार्रवाई
राउस एवेन्यू कोर्ट ने CBI की चार्जशीट को स्वीकार करते हुए अमानतुल्लाह खान सहित दस लोगों पर आरोप तय कर दिए हैं। इन आरोपों में भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश जैसी गंभीर धाराएं शामिल हैं। हालांकि, अभी तक कोई दोष सिद्ध (conviction) नहीं हुआ है। अदालत ने केवल यह माना है कि इन आरोपों पर सुनवाई की जरूरत है और मुकदमा जारी रहेगा।
जमानत और पूर्व घटनाक्रम
इससे पहले नवंबर 2024 में ED (प्रवर्तन निदेशालय) की अतिरिक्त शिकायत पर कोर्ट ने अमानतुल्लाह खान को राहत दी थी। कोर्ट ने कहा था कि उस समय आवश्यक मंजूरी (prosecution sanction) नहीं थी, इस कारण तत्काल गिरफ्तारी या आगे की कार्रवाई उचित नहीं। बाद में ED और CBI दोनों ने उच्च न्यायालय (Delhi High Court) में याचिकाएं दायर कीं, लेकिन अमानतुल्लाह खान को जमानत मिली रही।
राजनीतिक हलचल
यह मामला सामने आने के बाद दिल्ली की राजनीति गरमा गई। विपक्षी दलों ने AAP सरकार पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के आरोप लगाए। भाजपा नेताओं का कहना है कि AAP नेताओं के खिलाफ एक के बाद एक मामले सामने आ रहे हैं, जो पार्टी की कथनी और करनी में अंतर दर्शाते हैं।
वहीं, आम आदमी पार्टी ने कहा है कि यह पूरा मामला राजनीति से प्रेरित है और इसका मकसद उनके लोकप्रिय नेताओं की छवि खराब करना है। पार्टी का दावा है कि अमानतुल्लाह खान पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं और सच्चाई अदालत में सामने आ जाएगी।
कानूनी प्रक्रिया आगे कैसे बढ़ेगी?
अब जब आरोप तय हो गए हैं, अगला चरण मुकदमे की सुनवाई है। इसमें गवाहों को बुलाया जाएगा, सबूत पेश किए जाएंगे और अदालत दोनों पक्षों की दलीलें सुनेगी। अगर दोष सिद्ध होता है तो सजा तय होगी, वरना आरोप से बरी भी किया जा सकता है।
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में लंबा समय लग सकता है क्योंकि इसमें सरकारी दस्तावेज, वित्तीय रिकॉर्ड और बड़ी संख्या में गवाह शामिल होते हैं।
जनता की प्रतिक्रिया
ओखला विधानसभा क्षेत्र में लोग इस मामले को लेकर विभाजित दिखाई दे रहे हैं। कुछ लोग मानते हैं कि विधायक के खिलाफ कार्रवाई होना जरूरी है, ताकि राजनीतिक नेताओं को जवाबदेह बनाया जा सके। वहीं, उनके समर्थकों का कहना है कि खान अपने क्षेत्र के लिए काम करने वाले नेता हैं और यह सब साजिश के तहत हो रहा है।
इस समय तक अमानतुल्लाह खान केवल आरोपी हैं, दोषी नहीं। अदालत का अंतिम फैसला आने तक उन्हें दोषी कहना सही नहीं होगा। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सबूत उन्हें दोषी साबित करते हैं या वह इन आरोपों से बरी हो जाते हैं।
AAP MLA Amanatullah Khan has been framed in the Delhi Waqf Board scam case by a special Rouse Avenue court, highlighting alleged irregular recruitments and corruption charges. The case has stirred political debates, with opposition parties targeting the Aam Aadmi Party and supporters calling it a politically motivated move. As the trial progresses, all eyes are on the court’s verdict, making the Amanatullah Khan Delhi Waqf Board scam case a crucial point in Delhi politics and governance.