AIN NEWS 1 रांची (झारखंड): केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को रांची में झारखंड विधानसभा चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का संकल्प पत्र (मैनिफेस्टो) जारी किया। इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, संजय सेठ और भाजपा झारखंड के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी उपस्थित थे।
विकास कार्यों का जोर
संकल्प पत्र के विमोचन के दौरान, भाजपा झारखंड के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड में भाजपा की सरकारों के दौरान विकास कार्य किए गए हैं। उन्होंने कहा, “जब भी भाजपा ने झारखंड में सरकार बनाई है, विकास कार्य किए गए हैं। वहीं, जब झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने सरकार बनाई, तो उन्होंने केवल अपने परिवार का विकास किया। उन्होंने झारखंड को पांच साल तक लूटा और किसी भी वादे को पूरा नहीं किया। लोग इस बार NDA सरकार बनाने का मन बना चुके हैं।”
संकल्प पत्र की विशेषताएँ
भाजपा के प्रवक्ता प्रातुल शाह देव ने कहा कि संकल्प पत्र में झारखंड के सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है, जिसमें किसानों, महिलाओं, युवाओं, और विकास से संबंधित विषय शामिल हैं। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पहले कहा था कि संकल्प पत्र में 150 संकल्प होंगे, जो राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण होंगे।
चुनावी प्रक्रिया
झारखंड विधानसभा की 81 सीटों के लिए चुनाव दो चरणों में 13 और 20 नवंबर को होंगे, जबकि मतगणना 23 नवंबर को की जाएगी। पिछले विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 30 सीटें, भाजपा ने 25 और कांग्रेस ने 16 सीटें जीती थीं।
भाजपा की चुनावी रणनीति
भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में झारखंड के लोगों को आकर्षित करने के लिए विभिन्न विकास योजनाओं का उल्लेख किया है। यह संकल्प पत्र चुनावों में भाजपा की रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा होगा। भाजपा का उद्देश्य है कि राज्य में फिर से अपनी सत्ता स्थापित कर सके और पिछले कार्यकाल में किए गए विकास कार्यों को आगे बढ़ा सके।
निष्कर्ष
झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भाजपा का संकल्प पत्र चुनावी रणनीति और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होगा। भाजपा अपने पिछले कार्यों का गुणगान करते हुए लोगों को यह विश्वास दिलाने का प्रयास कर रही है कि उनकी सरकार में विकास और समृद्धि संभव है। भाजपा के नेता इस बात पर जोर दे रहे हैं कि झारखंड की राजनीति में बदलाव लाने के लिए लोगों को एक बार फिर NDA के साथ आना होगा।
इस प्रकार, झारखंड की राजनीति में भाजपा ने अपने संकल्प पत्र के माध्यम से अपने विकासात्मक दृष्टिकोण को स्पष्ट किया है, जिससे यह प्रतीत होता है कि पार्टी चुनावी मैदान में मजबूत दावे के साथ उतरने की तैयारी में है।