AIN NEWS 1 Anger Against Spouse: जैसा कि आप सभी जानते हैं एक कामयाब खुशहाल शादीशुदा जिंदगी तभी मुमकिन हो सकती है जब आप अपने गुस्से को अच्छे से कंट्रोल कर सकें. अपने धैर्य के जरिए आप समझ और अपनी दृढ़ता को भी बेहतर कर सकते हैं. अगर आप भी खामोशी से अपनी परेशानी को बताते हैं तो इससे आपकी काफी मुश्किलें आसान हो सकती हैं, इसके लिए आप अपने जीवनसाथी के साथ कम्यूनिकेशन बनाए रखना बेहद जरूरी है. यहां हम आपको बता दें अनसुलझा गुस्सा भारत में पति-पत्नी के बीच में संघर्ष का एक प्रमुख कारण है, जो कि कई बार तलाक तक भी पहुंच जाता है.सहानुभूति और सुनने की क्षमता को आप अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बनाएं क्योंकि ये ही प्रोडक्टिव बातचीत को ज्यादा बढ़ावा देते हैं. एक दूसरे पर किसी भी प्रकार से इल्जाम लगाने से अच्छा है कि आप उनके समाधान पर गौर करें. साथ में ऐसी एक्टिविटीज करें जिससे पति और पत्नी के बीच बॉन्डिंग और ज्यादा मजबूत बने. इस दौरान आपका इमोशनल इंटेलिजेंस भी बहुत काम आता है, जो कि आपकी मैरिड लाइफ में खुशियों के दरवाजे खोल देता हैं. आइए जानते हैं कि आप अपने जीवनसाथी के खिलाफ पनपने वाले गुस्से को आख़िर कैसे कम कर सकते हैं.
यहां हम बताते हैं गुस्से को कंट्रोल करने के तरीके
1. सेल्फ अवेयरनेस की प्रैक्टिस अच्छे से करें
जान ले कि आप इस बात का पता ज़रूर लगाएं कि आख़िर आपके गुस्से की वजह क्या है. अपने दिमाग को पूरी तरह से शांत रखें जिससे आपके बॉडी या चेहरा कोई तरह का इमोशनल साइन न दे, गुस्से और फ्रस्ट्रेशन के कारण अपने हार्ट रेट बढ़ने न दें. ऐसा करने से ही आप अपने गुस्से को काफ़ी बेहतर तरीके से कंट्रोल कर सकते हैं.
2. आपस मे खुलकर बात करें
यहां सबसे पहले अपने पार्टनर को शांत करने की कोशिश, अपनी फीलिंग को भी आप मन में दबाए न रखें, इसे खुलकर उनसे बयान करें. इस बात की भी कोशिश करें कि जीवनसाथी पर कोई भी ब्लेम न डालें. अच्छा संवाद आपके बीच में संघर्ष और गलतफहमी को कम कर सकता है, जिससे आपकी बात हद से ज्यादा गुरजने से भी बच सकती है.
3. अपने कदम पीछे बढ़ाएं
सबसे पहले अपने पार्टनर को आप शांत करने की कोशिश, अपनी फीलिंग को मन में दबाए भी न रखें, इसे आप पूरी तरह से खुलकर बयान करें. इस बात की भी कोशिश करें कि अपने जीवनसाथी पर कोई ब्लेम न डालें. अच्छा संवाद ही आपके बीच संघर्ष और गलतफहमी को कम कर सकता है, जिससे कोई भी बात हद से ज्यादा गुरजने से बच सकती है.जब कभी आप किसी भी प्रकार से गुस्सा महसूस करना शुरू करें, तब आप एक कदम पीछे बढ़ाएं और खुद को पूरी तरह से शांत करने की कोशिश करें. माइंड को भी रिलैक्स करने के लिए कुछ रिलैक्सिंग टेकनिक आजमा सकते हैं, जैसे पैदल चलना, मेडिटेशन करना या फिर गहरी सांस लेना. ऐसा करने से आपके गुस्से को शांत करे उसे ब्रेक मिलेगा और इससे आप प्रॉब्लम्स को आसानी निपट पाएंगे
4. एक दूसरे की फीलिंग की भी पूरी तरह से रिस्पेक्ट करें
अगर आप खुद को योग, मेडिटेशन जैसी चीजों में भी इंवॉल्व करेंगे तो इससे आपको खुद की फीलिंग और समझ का पता ज़रूर बेहतर तरीके से चल पाएगा. इससे आप सही तरीके से रिस्पॉन्ड भी करेंगे और गुस्से से बाहर निकल पाएंगे.
5. आप कृतज्ञता भी दिखाएं
आप खुद को अपने पार्टनर की जगह पर रखकर ज़रूर देखें और अपने पूरे एफर्ट लगाकर उनके नजरिये को समझने की कोशिश करें. अगर आप हमदर्दी रखें तो ये आपकी साथी के प्रति करुणा को भी प्रोत्साहित कर सकती है और आप आपने जीवनसाथी की फीलिंग को समझकर उनकी रिस्पेक्ट भी कर सकेंगे. इस बात को भी पूरी तरह से समझें कि गलती किसी से भी हो सकती है इसलिए शादीशुदा जिंदगी में माफ करना ही काफ़ी बेहतर है.
6. आप प्रोफेशनल हेल्प भी लें
अगर आपका गुस्सा ही आपकी शादीशुदा जिंदगी में काफी परेशानियां पैदा कर रहा है तो इसके लिए आप किसी अच्छे काउंसेलर या थेरेपिस्ट की मदद भी ले सकते हैं. जिससे प्रॉब्लम की जड़ और उसके सॉल्यूशन का अच्छे से पता लग पाएं.
7. आप इसके लिए माइंडफुलनेस की प्रैक्टिस भी करें
यहां हम आपको बता दें अगर आप अपने पार्टनर के साथ मे कृतज्ञता दिखाएंगे तो इससे दोनों का ही रिश्ता काफी ज्यादा मजबूत होगा. किसी की भी बुराई पर फोकस करने के बजाए उनकी क्वालिटीज को बताना, अहसानमंद होना, अप्रिशिएट करना आपकी मैरिड लाइफ को काफ़ी बेहतर बनाएगा.
8. कृतज्ञता भी दिखाएं
अगर आप अपने पार्टनर के साथ कृतज्ञता दिखाएंगे तो इससे दोनों का रिश्ता काफी ज्यादा मजबूत होगा. किसी की भी बुराई पर फोकस करने के बजाए उनकी क्वालिटीज को बताना, अहसानमंद होना, अप्रिशिएट करना आपकी मैरिड लाइफ को और ज्यादा बेहतर बनाएगा.
जान ले क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
काउंसेल इंडिया के सीईओ और इमोशनल एक्सपर्ट शिवम दीक्षित ने इस संबंध में कहा, “अपने गुस्से को कंट्रोल करना सीखना आपकी शादी को मजबूत रखने के लिए यह बहुत ही जरूरी है. एक चिकित्सक के रूप में, मैं ट्रिगर्स की पहचान करने और प्रोडक्टिव कम्यूनिकेश टेक्निक का इस्तेमाल करने के लिए सेल्फ अवेयरनेस डेवलप करने का भी सुझाव देता हूं.पूरी सक्रियता से किसी की बातों को सुनना, भावनाओं की रचनात्मक अभिव्यक्ति, और सावधानीपूर्वक शब्दों के चयन की सिफारिश भी की जाती है. संवेदनशीलता को स्वीकार करें और अपने पार्टनर के नजरिये को भी समझने की पूरी कोशिश करें. साफतौर से बातचीत के लिए एक सम्मानजनक और आरामदायक वातावरण को बनाएं. गहरी सांस लेने जैसी स्वस्थ तकनीकों का उपयोग करके होने वाली तीव्र भावनाओं को कम किया जा सकता है. इस बात को भी याद रखें कि प्रॉब्लम्स को एक्टिवली अड्रेस करना जरूरी है. संघर्ष से निपटने के लिए समझौता करने और धैर्य रखने की क्षमता भी बेहद आवश्यक है. आखिर में, किसी के क्रोध को रोकने का तरीका सीखना हर किसी पार्टनर के इमोशनल हेल्थ को सपोर्ट करना हैप्पी मैरिड लाइफ के लिए बहुत जरूरी है.”