AIN NEWS 1: गाजियाबाद में 15 दिन पहले हुई एक युवती की मौत के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्य आरोपी फराज अतर के परिवार के दो सदस्यों को ट्रांजिट अग्रिम जमानत दी है। इस मामले ने लोगों का ध्यान खींचा है, जहां आरोपी परिवार की महिलाओं को पुलिस ने अब तक गिरफ्तार नहीं किया है।
क्या है पूरा मामला?
पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि दिल्ली के चौहान बांगर निवासी फराज अतर ने उनकी बेटी को प्रेमजाल में फंसा कर लंबे समय तक शोषण किया। युवती के पिता ने बताया कि फराज ने खुद को अविवाहित बताया और कई झूठे वादे किए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि फराज ने उनकी बेटी को ड्रग्स देकर शारीरिक शोषण किया और जबरन इस्लामिक रीति-रिवाज अपनाने का दबाव बनाया।
युवती ने आत्मदाह से पहले दिए थे गंभीर बयान
30 वर्षीय युवती ने आत्महत्या से एक दिन पहले, 10 दिसंबर को अपने पिता से कहा था कि फराज उसे धोखा दे रहा है। उसने बताया कि फराज उसे ड्रग्स देकर रेप करता था और यातनाएं देता था। युवती ने आरोप लगाया कि फराज ने उससे जबरदस्ती पैसे भी ऐंठे। इन सबके कारण वह मानसिक रूप से टूट चुकी थी और परेशान होकर उसने 11 दिसंबर को आत्मदाह कर लिया।
परिवार का संघर्ष
पिता ने गाजियाबाद के कविनगर थाने में मामला दर्ज कराया। पुलिस ने मुख्य आरोपी फराज अतर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, लेकिन आरोपी के परिवार के अन्य सदस्यों—भाई कासिफ, मां माहे तलत और बहन सना के खिलाफ भी मामला दर्ज होने के बावजूद कार्रवाई अधूरी है।
पिता ने जताई जान का खतरा
युवती के पिता ने कहा कि उनकी बेटी की जान चली गई, लेकिन न्याय की लड़ाई अभी बाकी है। उन्होंने पुलिस और न्यायालय से ठोस कदम उठाने की अपील की। उनका कहना है कि आरोपी और उनके परिवार के सदस्य उन्हें धमका सकते हैं और गवाही बदलने के लिए दबाव डाल सकते हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला
दिल्ली हाईकोर्ट ने आरोपी परिवार के दो सदस्यों को ट्रांजिट अग्रिम जमानत दी है। इससे पीड़ित परिवार में चिंता और बढ़ गई है। पिता ने सवाल उठाया कि क्या हमारी बेटियां ऐसे ही मरती रहेंगी और क्या हमें भी मजबूर होकर कोई कठोर कदम उठाना पड़ेगा।
न्याय की उम्मीद
पीड़ित परिवार ने पुलिस से मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर इस मामले में जल्द न्याय नहीं मिला, तो अपराधियों के हौसले बढ़ सकते हैं, जो समाज के लिए घातक होगा।
यह मामला एक बार फिर से समाज में महिलाओं की सुरक्षा और न्याय व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है।