- AI-मशीन लर्निंग सिस्टम रोकेंगे अनचाही कॉल्स
- 30 दिन के भीतर रोक लगाने के जारी किए निर्देश
- नेटवर्क पर कॉल ब्लॉक करने का सफल ट्रायल हुआ
AIN NEWS 1 | Artificial Intelligence | टेलीकॉम रेगुलेटर TRAI ने अनचाही कॉल्स और SMS रोकने के लिए टेलीकॉम कंपनियों को Artificial Intelligence और मशीन लर्निंग पर आधारित सिस्टम लगाने का निर्देश दिया है। इसके बाद अब कंपनियों
के लिए नॉन-रजिस्टर्ड फर्मों का पता लगाकर उनके खिलाफ कार्रवाई करना आसान हो जाएगा। टेलिकॉम सर्विस देने वाली कंपनियों को इन निर्देशों का पालन करने और उठाए गए कदमों के बारे में 30 दिन के भीतर जानकारी मुहैया करानी होगी। इस कदम के बाद उम्मीद है कि अब लोगों के फोन पर अनचाहे कॉल-मैसेज आने बंद हो जाएंगे।
AI-मशीन लर्निंग सिस्टम रोकेंगे अनचाही कॉल्स
दरअसल, देश की तीनों प्रमुख नेटवर्क सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया ने स्पैम कॉल रोकने के लिए अपने सिस्टम में पहले ही फिल्टर लगा लिए हैं। कंपनियों का दावा है कि AI की मदद से स्पैम मैसेज और कॉल्स नेटवर्क पर ही ब्लॉक हो जाएंगे। यानी अब ग्राहक के फोन पर पहुंचने से पहले ही स्पैम कॉल और मैसेज नेटवर्क पर ब्लॉक हो चुके होंगे। इस तैयारी की वजह थी कि TRAI ने कंपनियों को अनचाहे कॉल-मैसेज रोकने के लिए 30 अप्रैल की डेडलाइन दी थी। हालांकि सफल ट्रायल रन और डेडलाइन के बीत जाने के बावजूद इसे अभी तक लागू नहीं किया गया था।
30 दिन के भीतर रोक लगाने के जारी किए निर्देश
हालांकि जिस तरह से DND समेत अलग अलग नियम कानून आने के बाद भी स्पैम कॉल और मैसेज पर 100 फीसदी रोक नहीं लगी है उससे अभी भी शंका बरकरार है कि आखिर AI इस काम में कितना कारगर साबित होगा। लेकिन अब दावा किया जा रहा है कि शुरुआती कुछ दिनों या हफ्तों के बाद स्पैम कॉल्स में 90 फीसदी तक की कमी आ सकती है
तकनीकी खामियों की वजह से मुमकिन है कि इन पर 100 फीसदी लगाम लगा पाना नामुमकिन होगा।
नेटवर्क पर कॉल ब्लॉक करने का सफल ट्रायल हुआ
फिलहाल जिन लोगों को ज्यादा संख्या में स्पैम कॉल्स आते हैं ये वो लोग हैं जो क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन वगैरह के लिए वेबसाइट या ईमेल के जरिए बैंक या वित्तीय संस्थान से संपर्क करते हैं। ये लोग अक्सर बात पूरी होने के बाद भी लॉगआउट नहीं करते। लेकिन, अब AI के बाद इतना तय है कि जिन लोगों ने लॉगआउट कर लिया है या फिर किसी सेवा की जानकारी ली ही नहीं है तो उनके नंबर पर आने वाले स्पैम कॉल एआई से पहचाने जा सकते हैं। इस तरह उन्हें नेटवर्क पर ही ब्लॉक करके ग्राहक के फोन तक नहीं पहुंचने दिया जाएगा। आगे चलकर डबल फिल्टरेशन के जरिए उन नंबरों को भी ब्लॉक किया जा सकेगा, जो लॉगआउट नहीं हुए थे। हालांकि अभी इस तकनीक का ट्रायल शुरू नहीं हुआ है।