AIN NEWS 1 नई दिल्ली: AIMIM प्रमुख और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ बिल को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर कड़ा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार वक्फ संपत्तियों को खत्म करने की साजिश कर रही है और इसे अपनी प्रॉपर्टी मान रही है। ओवैसी का कहना है कि वक्फ बोर्ड निजी संपत्ति होती है, लेकिन भाजपा इसे सरकारी संपत्ति की तरह प्रस्तुत कर रही है।
वक्फ अधिनियम 1995 और विवाद
ओवैसी ने वक्फ अधिनियम 1995 का हवाला देते हुए कहा कि यह ‘उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ’ की अवधारणा पर आधारित है। इसका मतलब है कि अगर कोई स्थान प्रार्थना, अनाथालय या कब्रिस्तान के रूप में उपयोग किया जा रहा है, तो वह वक्फ संपत्ति मानी जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इन संपत्तियों को खत्म करने का इरादा रखती है, जो कानून का उल्लंघन है।
हिंदू धर्म में भी हैं बंदोबस्ती बोर्ड
ओवैसी ने यह भी बताया कि हिंदू धर्म में भी कई बंदोबस्ती बोर्ड हैं, जहां उपयोग के आधार पर स्थान धार्मिक माने जाते हैं। उदाहरण के तौर पर, उत्तर प्रदेश में सुन्नी वक्फ बोर्ड के तहत पंजीकृत 1,21,000 संपत्तियों में से 1,12,000 संपत्तियां उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ की गई हैं। ओवैसी ने सवाल उठाया कि अगर वक्फ खत्म कर दिया गया, तो कौन सा नया कानून लागू होगा?
‘प्रैक्टिस करने वाले मुस्लिम’ पर सवाल
वक्फ संशोधन विधेयक के मसौदे को लेकर ओवैसी ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। विधेयक में कहा गया है कि केवल ‘प्रैक्टिस करने वाला मुस्लिम’ ही वक्फ बोर्ड को दान दे सकता है। ओवैसी ने सवाल किया कि इसका क्या मतलब है? क्या इसका अर्थ यह है कि व्यक्ति को पांच वक्त की नमाज पढ़नी होगी, दाढ़ी रखनी होगी, टोपी पहननी होगी, या उसकी कोई गैर-मुस्लिम पत्नी नहीं होनी चाहिए?
हिंदू धर्म पर कोई पाबंदी नहीं
ओवैसी ने तर्क दिया कि हिंदू धर्म के लोगों पर ऐसी कोई शर्तें लागू नहीं होती हैं। कोई भी व्यक्ति बिना किसी कानूनी प्रतिबंध के दान कर सकता है। उन्होंने सरकार से पूछा, “आप यह कैसे तय करेंगे कि कौन ‘प्रैक्टिस कर रहा मुस्लिम’ है और कौन नहीं? क्या नरेंद्र मोदी अब हमारे घरों में झांकेंगे?”
सरकार के हस्तक्षेप पर सवाल
ओवैसी ने विधेयक के उस प्रावधान की भी आलोचना की, जिसमें जिला कलेक्टर को वक्फ संपत्तियों के विवादों का फैसला करने का अधिकार दिया गया है। उन्होंने कहा कि कलेक्टर सरकार का हिस्सा है, और ऐसे में वह निष्पक्ष कैसे रह सकता है?
ओवैसी ने अंत में सरकार से जवाब मांगते हुए कहा कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के खिलाफ एक साजिश है और इससे धार्मिक स्वतंत्रता को खतरा है।