AIN NEWS 1 | असम में रविवार (14 सितंबर 2025) की शाम धरती जोर से कांपी। 5.9 तीव्रता का भूकंप आते ही गुवाहाटी और आसपास के जिलों के लोग घबराकर अपने घरों से बाहर निकल आए। अचानक हिलती ज़मीन ने लोगों को कुछ सेकंड के लिए ऐसा अहसास कराया मानो पूरा घर ढह जाएगा।
भूकंप का केंद्र असम के उदलगुरी जिले में था और इसकी गहराई करीब 5 किलोमीटर बताई गई। भूकंप शाम 4 बजकर 41 मिनट पर आया। हालांकि राहत की बात यह रही कि अभी तक किसी बड़े जान-माल के नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है।
गवाहों ने बताया – “छत गिरने का डर था”
गुवाहाटी निवासी अनीत गोस्वामी ने उस पल को याद करते हुए कहा,
“शुरुआत में झटके हल्के लगे, हमें लगा जल्दी थम जाएंगे। लेकिन धीरे-धीरे झटके तेज होते गए और घबराहट बढ़ने लगी। मेरा भाई ऊपर की मंजिल पर था, मैं बार-बार सोच रही थी कि अगर छत गिर गई तो क्या होगा।”
वहीं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया साझा की। एक यूजर ने लिखा – “भूकंप इतना तेज था कि अभी भी मेरे पैर कांप रहे हैं।”
दूसरे ने कहा – “अगर झटके ऐसे ही चलते रहते तो घर पूरी तरह गिर सकता था।”
लगातार आ रहे झटके, चिंता बढ़ी
कुछ दिन पहले ही सोनितपुर जिले में 3.2 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया था। लगातार आने वाले झटकों ने लोगों की चिंता और बढ़ा दी है। विशेषज्ञों के मुताबिक, असम भूकंप की दृष्टि से बेहद संवेदनशील इलाका है।
यह इलाका पूर्वी हिमालय पर्वत श्रृंखला में स्थित है, जहां यूरेशियन और सुंडा प्लेटों का टकराव होता है। यही वजह है कि असम और उत्तर-पूर्वी भारत बार-बार भूकंप की चपेट में आता है।
प्रशासन अलर्ट पर
भूकंप के तुरंत बाद जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग ने स्थिति की समीक्षा की। राहत की बात है कि अब तक किसी बड़ी क्षति की खबर सामने नहीं आई। फिर भी प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और ऊंची इमारतों या पुराने घरों से दूर रहने की अपील की है।
स्थानीय पुलिस और रेस्क्यू टीम को भी अलर्ट पर रखा गया है ताकि आपात स्थिति में तुरंत मदद पहुंचाई जा सके।
नेताओं की प्रतिक्रिया
केंद्रीय मंत्री और असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा –
“असम में आए भूकंप से प्रभावित सभी लोगों की सुरक्षा और कुशलता के लिए मेरी प्रार्थनाएं। सभी नागरिक सतर्क रहें और सावधानी बरतें।”
उनका यह संदेश असम के लोगों के लिए हौसला बढ़ाने वाला रहा।
भूकंप के दौरान क्या करें और क्या न करें
विशेषज्ञों का मानना है कि असम जैसे क्षेत्रों में लोगों को हमेशा तैयार रहना चाहिए। यहां कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां दी गई हैं:
जैसे ही झटके महसूस हों, तुरंत खुले स्थान में निकल जाएं।
यदि बाहर निकलना संभव न हो तो घर के कोनों या मजबूत टेबल के नीचे बैठ जाएं।
लिफ्ट का इस्तेमाल बिल्कुल न करें।
मोबाइल चार्ज रखें और इमरजेंसी नंबर अपने पास लिखकर रखें।
पुराने घरों और ढही हुई दीवारों से दूर रहें।
लोग अब भी डरे हुए
भूकंप भले ही कुछ सेकंड का था, लेकिन उसके बाद का डर अब भी लोगों के चेहरे पर साफ दिखाई दे रहा है। गुवाहाटी और उदलगुरी में लोग अब भी उस पल को याद करके सहम जाते हैं।
कई परिवारों ने रात खुले मैदान में गुजारने का फैसला किया ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।
असम एक बार फिर भूकंप से दहला, लेकिन सौभाग्य से किसी बड़ी तबाही की खबर नहीं मिली। लगातार आ रहे छोटे-बड़े झटके यह इशारा कर रहे हैं कि असम जैसे इलाकों को हमेशा सतर्क रहना होगा। विशेषज्ञों और प्रशासन की सलाह मानकर ही ऐसी प्राकृतिक आपदाओं से बचाव संभव है।



















