जौनपुर (उत्तर प्रदेश): अटाला मस्जिद विवाद का मामला अब इलाहाबाद हाई कोर्ट में पहुंच गया है। मस्जिद के वक्फ बोर्ड ने स्थानीय कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें दावा किया गया था कि मस्जिद की जगह पहले अटला देवी मंदिर था। इस मामले को लेकर राजनीति तेज हो गई है। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस विवाद पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
ओवैसी ने सरकार पर साधा निशाना
ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा,
“भारत के लोगों को इतिहास के झगड़ों में उलझाया जा रहा है, जिनसे उनका कोई लेना-देना नहीं है। कोई भी देश महाशक्ति नहीं बन सकता, अगर उसकी 14 फीसदी आबादी हमेशा ऐसे दबाव झेलती रहे। सत्ताधारी दल के लोग हर वाहिनी, परिषद और सेना के पीछे छिपे रहते हैं। उनकी जिम्मेदारी है कि वे पूजा स्थल अधिनियम की रक्षा करें और इन झूठे विवादों को खत्म करें।”
मामले की शुरुआत और कोर्ट का आदेश
स्वराज वाहिनी एसोसिएशन ने जौनपुर जिला कोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया था कि अटाला मस्जिद एक मंदिर तोड़कर बनाई गई है। याचिकाकर्ता का कहना है कि मस्जिद की जगह पहले अटला देवी मंदिर था। इस याचिका के बाद स्थानीय कोर्ट ने एक आदेश पारित किया, जिसे अब वक्फ बोर्ड ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी है।
वक्फ बोर्ड का पक्ष
वक्फ बोर्ड की याचिका में कहा गया है:
- मस्जिद के अस्तित्व पर कोई विवाद नहीं है।
- यह संपत्ति हमेशा से मस्जिद के रूप में दर्ज रही है।
- 1398 से यहां नियमित रूप से नमाज पढ़ी जा रही है।
- वादी पक्ष को मुकदमा दायर करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है।
अगली सुनवाई की तारीख
इलाहाबाद हाई कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 9 दिसंबर 2024 को होगी।
निष्कर्ष
इस विवाद से धार्मिक और राजनीतिक तनाव बढ़ गया है। सभी पक्ष अब कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।