AIN NEWS 1 | महाराष्ट्र में मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विवाद बढ़ रहा है। इसी बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता सुरेश ‘भैयाजी’ जोशी ने सोमवार (31 मार्च 2025) को इस मुद्दे को अनावश्यक बताया।
आरएसएस नेता भैयाजी जोशी का बयान:
नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए भैयाजी जोशी ने कहा कि “जिसकी आस्था है, वह औरंगजेब की कब्र पर जाएगा।”
उन्होंने कहा कि इस विषय को अनावश्यक रूप से उठाया जा रहा है।
औरंगजेब का निधन भारत में हुआ था, इसलिए यहां उसकी कब्र बनाई गई।
उन्होंने यह भी कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के आदर्शों के तहत ही भारत की उदारता और समावेशिता बनी हुई है।
राज ठाकरे का बयान:
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने कब्र को हटाने की मांग को खारिज करते हुए कहा कि इतिहास को जाति और धर्म के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए।
उन्होंने लोगों से व्हाट्सएप फॉरवर्ड पर भरोसा न करने की अपील की।
राज ठाकरे ने कहा कि औरंगजेब शिवाजी नामक विचार को खत्म करना चाहता था, लेकिन वह असफल रहा।
उन्होंने उदाहरण दिया कि अफजल खान का मकबरा भी शिवाजी महाराज की अनुमति से बना।
विहिप के विरोध प्रदर्शन और नागपुर हिंसा:
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन के दौरान एक पवित्र पुस्तक की चादर जलाए जाने की अफवाह के कारण नागपुर में हिंसा भड़क गई थी।
इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए आरएसएस के मुख्य प्रवक्ता सुनील अंबेकर ने औरंगजेब को अप्रासंगिक बताया।
औरंगजेब की कब्र को लेकर महाराष्ट्र में राजनीतिक बहस तेज हो गई है। एक तरफ भैयाजी जोशी और राज ठाकरे इसे अनावश्यक मुद्दा बता रहे हैं, तो दूसरी ओर दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा इसका विरोध जारी है। इस विवाद का भविष्य क्या होगा, यह देखना दिलचस्प रहेगा।
The Aurangzeb tomb controversy in Maharashtra has sparked debate, with RSS leader Bhaiyyaji Joshi stating that those who have faith will visit it. Meanwhile, MNS chief Raj Thackeray criticized efforts to communalize the issue, urging people not to view history through a religious lens. The controversy intensified after VHP-led protests in Nagpur, leading to violence. This debate highlights the ongoing political and historical discourse around Aurangzeb and Shivaji in Maharashtra.