नई दिल्ली,
अगर सरकार ने किराया संशोधन समिति की सिफारिशें मान लीं तो दिल्ली में आटो और टैक्सी में यात्रा करना महंगा हो सकता है। दरअसल, आटो-रिक्शा और टैक्सियों के किराये में संशोधन करने वाली दिल्ली सरकार की समिति ने तिपहिया वाहनों के लिए प्रति किलोमीटर एक रुपये की बढ़ोतरी और टैक्सियों के किराये में 60 प्रतिशत तक की वृद्धि की सिफारिश की है।ईधन की बढ़ती कीमतों के बीच दिल्ली सरकार ने पिछले महीने आटो और टैक्सियों के किराये में संशोधन के लिए समिति बनाई थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को सौंप दी है। दिल्ली कैबिनेट अब रिपोर्ट की सिफारिशों पर चर्चा करेगी। सूत्रों के मुताबिक आटो किराये में भारी वृद्धि के निहितार्थ पर कुछ आटो यूनियनों ने समिति के साथ अपनी चिंताएं साझा की थीं।उन्होंने तर्क दिया कि आटो किराये में भारी वृद्धि से कैब एग्रीगेटर्स के साथ उनकी प्रतिस्पर्धा कड़ी हो जाएगी, जो रियायती दरों पर सवारी की पेशकश करते हैं। बता दें कि आटो रिक्शा के किराये में पिछली बार वृद्धि वर्ष 2019 में हुई थी। आटो रिक्शा यूनियनों के एक वर्ग ने इसके बजाय कहा था कि उन्हें किराये में बढ़ोतरी के बजाय सीएनजी सब्सिडी दी जाए।आटो के लिए मौजूदा मीटर डाउन चार्ज 25 रुपये है और पहले 1.5 किलोमीटर के बाद 9.50 रुपये प्रति किलोमीटर है।रात का चार्ज रात 11 बजे से सुबह पांच बजे के बीच लगाया गया जो दिन की दरों से 25 प्रतिशत अधिक है। टैक्सी के किराये को आखिरी बार वर्ष 2013 में संशोधित किया गया था और समिति ने इन नौ वर्षो में सीएनजी की कीमतों में बढ़ोतरी और वाहनों के स्पेयर पार्ट्स की कीमतों में वृद्धि को ध्यान में रखा था।संशोधित किराया रेडियो टैक्सियों के साथ काली-पीली टैक्सियों पर भी लागू होगा। समिति के सदस्यों ने कथित तौर पर दिल्ली में आटो और टैक्सियों में यात्रा की, ताकि ड्राइवरों की मांगों और किराया संशोधन अभ्यास से उनकी अपेक्षाएं जान सकें।