AIN NEWS 1 | बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (बाबा बागेश्वर) अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। हाल ही में उन्होंने कहा कि 3000 साल पहले इस धरती पर जो भी लोग रहते थे, वे सभी सनातनी थे। उस दौर में न इस्लाम था और न ही ईसाई धर्म।
बाबा का तर्क है कि भारत में आज जितने भी धर्म और मजहब के लोग रहते हैं, अगर वे अपनी वंशावली और पूर्वजों की जड़ों की ओर देखें, तो पाएंगे कि उनके पूर्वज सनातनी ही थे।
🧩 बाबा बागेश्वर का तर्क
– बाबा का कहना है कि भारत में मुस्लिम समाज मौजूद है, लेकिन उनके असली पूर्वज भी सनातनी थे।
– उनके मुताबिक, केवल वे मुस्लिम “असली” हैं जो अरब, तुर्किस्तान या अन्य इस्लामी देशों से आए।
– भारत में रहने वाले अधिकांश मुस्लिम धर्म परिवर्तन (कन्वर्ज़न) करके बने हैं।
– इतिहास के कई कालखंडों में दबाव, सामाजिक हालात या स्वेच्छा से लोगों ने धर्म बदला।
📖 ऐतिहासिक संदर्भ
सनातन धर्म की प्राचीनता
– वेद, उपनिषद और पुराण बताते हैं कि सनातन संस्कृति हजारों साल से मौजूद है।इस्लाम और ईसाई धर्म का उदय
– इस्लाम करीब 1400 साल पहले और ईसाई धर्म लगभग 2000 साल पहले अस्तित्व में आया।
– इसलिए 3000 साल पहले केवल सनातन संस्कृति ही जीवित थी।भारत की जड़ें
– इतिहासकार भी मानते हैं कि भारत की शुरुआत वेदिक और सनातन परंपरा से हुई थी।
🕌 मुस्लिम समाज की प्रतिक्रियाएं
बाबा बागेश्वर के बयान पर मुस्लिम संगठनों ने नाराज़गी जताई।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड:
“भारत का इतिहास साझा विरासत और गंगा-जमुनी तहज़ीब का है। किसी एक धर्म को सर्वोच्च बताना और बाकी धर्मों की जड़ों को नकारना इतिहास को तोड़ना-मरोड़ना है।”जामा मस्जिद, दिल्ली के इमाम:
“हर इंसान को अपने धर्म पर गर्व करने का अधिकार है, लेकिन दूसरों को यह कहना कि उनके पूर्वज सनातनी थे, समाज में विभाजन पैदा करता है।”मुस्लिम छात्र संगठन (SIO):
“इतिहास को धर्म और राजनीति के चश्मे से देखना खतरनाक है। भारत की असली ताकत उसकी विविधता है।”
🗣️ राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
– भाजपा के समर्थक वर्ग ने बाबा बागेश्वर के बयान का समर्थन किया और इसे भारतीय संस्कृति की महानता बताया।
– विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि यह बयान चुनावी राजनीति और समाज को बांटने का प्रयास है।
– कई नेताओं ने कहा कि इतिहास और धर्म की व्याख्या विशेषज्ञों और इतिहासकारों पर छोड़ देनी चाहिए।
🔍 समाजशास्त्रियों की राय
समाजशास्त्री मानते हैं कि:
– ऐतिहासिक दृष्टि से 3000 साल पहले केवल सनातन धर्म था, क्योंकि अन्य धर्म अस्तित्व में ही नहीं थे।
– लेकिन आज के संदर्भ में यह कहना संवेदनशीलता पैदा करता है।
– भारत बहुधर्मी समाज है और हर धर्म का सम्मान जरूरी है।
– धर्म परिवर्तन की कहानियां इतिहास का हिस्सा हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वर्तमान धर्मों को कमतर आंका जाए।
📌 कन्वर्जन का इतिहास
– जब मुस्लिम शासक भारत आए तो कई जगहों पर धर्म परिवर्तन हुआ।
– कुछ ने दबाव या डर से, कुछ ने सामाजिक-आर्थिक कारणों से धर्म बदला।
– वहीं, बहुत से लोगों ने अपनी इच्छा से नया धर्म अपनाया।
– इसी कारण बाबा बागेश्वर कहते हैं कि आज भारत में रहने वाले अधिकांश मुस्लिम कन्वर्टेड मुस्लिम हैं।
🧭 समाज को संदेश
बाबा बागेश्वर का दावा है कि उनका उद्देश्य किसी को नीचा दिखाना नहीं है।
– वे केवल यह बताना चाहते हैं कि भारत की जड़ें सनातन संस्कृति से जुड़ी हैं।
– उनका मानना है कि हर धर्म का सम्मान होना चाहिए, लेकिन अपनी ऐतिहासिक सच्चाई को जानना भी उतना ही जरूरी है।
बाबा बागेश्वर का बयान देश में धार्मिक और ऐतिहासिक बहस को जन्म दे चुका है।
– समर्थक इसे सनातन धर्म की महानता का सबूत मान रहे हैं।
– आलोचक इसे विभाजनकारी और विवादित बता रहे हैं।
– विशेषज्ञों का कहना है कि इसमें कुछ ऐतिहासिक तथ्य जरूर हैं, लेकिन इन्हें संतुलित नजरिए से देखना चाहिए।
कुल मिलाकर, यह बयान हमें अपनी जड़ों को समझने और भारत के बहुधर्मी समाज की वास्तविकता पर विचार करने का मौका देता है।