Helicopter Noise Angers Deities in Badrinath-Kedarnath: Priests Demand Government Action
बदरीनाथ-केदारनाथ में हेलीकॉप्टर शोर से देवताओं का प्रकोप! तीर्थ पुरोहितों ने जताई चिंता
AIN NEWS 1: चारधाम यात्रा 2025 के दौरान बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में हेलीकॉप्टरों की आवाजाही को लेकर तीर्थ पुरोहितों ने गंभीर चिंता जताई है। उनका मानना है कि धामों के ऊपर से लगातार उड़ते हेलीकॉप्टर देवताओं की शांति भंग कर रहे हैं, जिससे वे नाराज़ हो सकते हैं। यह नाराजगी ही लगातार हो रही हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं का कारण बन रही है।
ध्यान और साधना में बाधा
तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि बदरीनाथ और केदारनाथ जैसे पवित्र स्थलों की पहचान ध्यान, तपस्या और शांति से है। यहां साधु-संत और श्रद्धालु ध्यान और पुण्य प्राप्ति के लिए आते हैं। लेकिन अब इन क्षेत्रों में दिनभर उड़ते हेलीकॉप्टरों की गड़गड़ाहट से साधना में बाधा उत्पन्न हो रही है, जिससे देवताओं की कृपा की बजाय प्रकोप आने का डर है।
दुर्घटनाएं – अनिष्ट का संकेत
चारधाम क्षेत्र में बीते कुछ वर्षों से हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं की घटनाएं बढ़ी हैं। पुरोहितों का मानना है कि यह केवल तकनीकी लापरवाही का परिणाम नहीं, बल्कि धार्मिक भावनाओं और परंपराओं के उल्लंघन से उपजा देवदंड हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह किसी अनिष्ट की आहट हो सकती है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
आस्था के साथ खिलवाड़
बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के दिन हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई, जिसका तीर्थ पुरोहितों ने विरोध किया। उत्तराखंड चारधाम तीर्थपुरोहित महापंचायत के महासचिव डॉ. बृजेश सती ने इसे आस्था के साथ खिलवाड़ बताया। उन्होंने कहा कि भगवान नारायण ध्यान मुद्रा में हैं और इस तरह की गतिविधियां पूजा-पाठ में विघ्न डालती हैं।
धार्मिक मर्यादा का उल्लंघन
ब्रह्मकपाल तीर्थ पुरोहित समिति के अध्यक्ष उमेश सती का कहना है कि तीर्थ स्थलों की धार्मिक मर्यादा और गरिमा को बनाए रखना आवश्यक है। हेलीकॉप्टरों का मंदिरों के ऊपर से उड़ना इस मर्यादा का उल्लंघन है। उन्होंने इस पर तत्काल रोक लगाने की मांग की।
वीआईपी हेलीपैड भी विवाद में
केदारनाथ मंदिर के ठीक पीछे बनाए गए वीआईपी हेलीपैड पर भी तीर्थ पुरोहितों ने आपत्ति जताई है। पंकज शुक्ला ने बताया कि यहां से उड़ान भरने वाले हेलीकॉप्टर सीधे मंदिर के ऊपर से होकर गुजरते हैं, जो कि पूर्णत: अनुचित है। उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
कई बार की जा चुकी है मांग
चारधाम महापंचायत के उपाध्यक्ष संतोष त्रिवेदी ने बताया कि पूर्व में भी सरकार और प्रशासन को कई बार ज्ञापन दिया गया है कि मंदिरों के ऊपर से हेलीकॉप्टरों की उड़ान पर प्रतिबंध लगाया जाए, लेकिन इस पर आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। धार्मिक दृष्टिकोण से यह अशुभ संकेत माना जाता है।
मेंटेनेंस और सुरक्षा पर भी सवाल
श्री बदरीश पंडा पंचायत के सचिव रजनीश मोतिवाल ने हेलीकॉप्टर संचालन की तकनीकी खामियों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि दिनभर उड़ने वाले हेलीकॉप्टरों की समुचित मरम्मत और देखरेख नहीं हो पा रही है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ रहा है। यह लापरवाही श्रद्धालुओं की जान पर भारी पड़ सकती है।
सरकार से तत्काल कदम उठाने की मांग
तीर्थ पुरोहितों का साफ कहना है कि सरकार को चाहिए कि वह धामों की पवित्रता और पारंपरिक मर्यादाओं का सम्मान करते हुए हेलीकॉप्टरों की उड़ानों पर नियंत्रण लगाए। अगर इस पर समय रहते कदम नहीं उठाया गया, तो इसका परिणाम आस्था और सुरक्षा दोनों के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
In Uttarakhand’s revered Char Dham region, including Badrinath and Kedarnath, priests have raised serious concerns about the increasing helicopter noise disrupting spiritual practices. The Badrinath Kedarnath temples are experiencing a surge in heli accidents, which priests interpret as a sign of deities’ anger. They believe these disturbances are harming the sanctity of Hindu pilgrimages, and urge the government to take swift action to regulate helicopter flights over temples. This issue highlights a critical conflict between modern tourism and ancient religious traditions.