AIN NEWS 1 : उत्तर प्रदेश के बलिया में यूपी-बिहार सीमा पर वसूली के मामले में नरही थाने के निलंबित थानाध्यक्ष पन्ने लाल और पांच अन्य पुलिसकर्मी फरार हो गए हैं। पुलिस उनकी लोकेशन का पता नहीं लगा पा रही है। इस मामले की जांच अब आजमगढ़ के एएसपी सुभम अग्रवाल को सौंप दी गई है, जिन्होंने बलिया पहुंचकर जांच शुरू कर दी है।
थानाध्यक्ष की ऊंची पहुंच और मलाईदार तैनाती
बलिया में वसूली के मामले में थानाध्यक्ष पन्ने लाल को निलंबित कर दिया गया है, और वह अब फरार हैं। पन्ने लाल की पुलिस महकमे में ऊंची पहुंच थी, जिसके चलते उसे हमेशा ऐसे थानों में तैनात किया जाता था जहां काली कमाई अधिक होती थी। पन्ने लाल के खास पुलिसकर्मी चेकपोस्ट पर ट्रकों से पैसे वसूलते थे।
फरार पुलिसकर्मियों की खोजबीन
बलिया में वसूली की कार्रवाई के बाद थानाध्यक्ष पन्ने लाल और अन्य पांच पुलिसकर्मी फरार हो गए हैं। सतीश गुप्ता और हरि दयाल को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि बाकी पुलिसकर्मी अभी भी गायब हैं। फरार पुलिसकर्मियों ने अपना फोन स्विच ऑफ कर लिया है, जिससे उनकी तलाश में दिक्कत आ रही है। पन्ने लाल के कमरे को सील कर दिया गया है, जिसमें एक लाल डायरी भी है, जिसमें वसूली का पूरा हिसाब-किताब दर्ज है।
पुलिस कर्मियों के खिलाफ केस दर्ज
इस मामले में डीआईजी के पीआरओ सुशील कुमार की तहरीर पर थानाध्यक्ष पन्ने लाल, चौकी प्रभारी राजेश कुमार, प्रभाकर, सतीश गुप्ता, हरि दयाल, बलराम सिंह, दीपक मिश्रा, और विष्णु यादव पर केस दर्ज किया गया है।
वसूली की प्रक्रिया और नई तैनाती
पुलिस के वसूली रैकेट की जांच में पता चला कि पुलिसकर्मी ट्रकों से हर रात 500 रुपये वसूलते थे, जिससे रोजाना पांच लाख रुपये की वसूली होती थी। हर महीने डेढ़ करोड़ रुपये की काली कमाई हो रही थी। बलिया के भारौली चेकपोस्ट पर नए पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है और वहां अब ट्रक बिना किसी रोक-टोक के गुजर रहे हैं।
डीजीपी प्रशांत कुमार के मुताबिक, हर पहलू पर जांच की जा रही है और फरार पुलिसकर्मियों की तलाश जारी है। जल्द ही चार्जशीट पेश की जाएगी और बड़ी कार्रवाई की जाएगी।