AIN NEWS 1 | उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर उठे विवाद पर मौलाना तौकीर रजा ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है। एक प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि अगर देश के संविधान पर भरोसा रखने वाले हिंदू इस पर सवाल नहीं उठाएंगे, तो हिंदुस्तान में जंगलराज बनने से कोई नहीं रोक सकता।
“हिंदुत्व में आ चुका है बदलाव”
मौलाना रजा ने कहा कि 2014 से पहले जो हिंदुत्व था, वह आज के हिंदुत्व से बहुत अलग है। उन्होंने हिंदू समाज से अपील की कि वे इस बदलाव को समझें। उन्होंने इतिहास का उदाहरण देते हुए कहा कि राजा अकबर ने दिन-ए-इलाही धर्म शुरू किया था, लेकिन वह प्रयास विफल हुआ क्योंकि लोगों ने उसका विरोध किया।
“सरकार का काम देश चलाना है, धर्म नहीं”
मौलाना ने साफ तौर पर कहा कि सरकार को धर्म के मामलों से दूर रहना चाहिए। उन्होंने कहा, “मस्जिद का काम हमारे धर्मगुरु देखेंगे, और मंदिर का काम हिंदुओं के धर्मगुरु। सरकार का काम देश को सुचारू रूप से चलाना है, और उसे वही करना चाहिए।”
रामलीला ग्राउंड विवाद
रामलीला ग्राउंड में कार्यक्रम की परमिशन कैंसल होने पर मौलाना रजा ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि पुलिस ने पहले कार्यक्रम की अनुमति दी थी, लेकिन ऐन वक्त पर उसे रद्द कर दिया गया। उन्होंने इसे भेदभावपूर्ण बताया और कहा, “एक पक्ष को बिना मांगे अनुमति मिल जाती है, लेकिन हम अमनपसंद लोगों की परमिशन रद्द कर दी जाती है।”
“ज्वालामुखी फट सकता है”
मौलाना ने चेतावनी देते हुए कहा कि समाज में गुस्सा बढ़ रहा है और इसे शांत नहीं किया गया तो किसी दिन यह ज्वालामुखी फट सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार मुसलमानों के खिलाफ काम कर रही है और उनके पोस्टरों में भी यह भेदभाव साफ दिखता है।
“कानून हाथ में नहीं लेंगे”
मौलाना रजा ने अपने समर्थकों से कहा कि वे रामलीला ग्राउंड पर इकट्ठा हों लेकिन कानून अपने हाथ में न लें। उन्होंने कहा, “पुलिस जहां रोकती है, वहीं बैठ जाएं। शाम 5 बजे तक शांतिपूर्ण ढंग से विरोध करें और फिर घर लौट जाएं। अगर लाठी-गोली चलानी है, तो चला लें, लेकिन मैं डरूंगा नहीं।”
यह मामला अब संवेदनशील हो गया है और प्रशासन पर निष्पक्षता बनाए रखने का दबाव बढ़ गया है।