सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद के निष्कासन और विद्रोहियों की जीत का वैश्विक स्तर पर स्वागत हो रहा है। कई देशों ने सीरिया के नए नेतृत्व के साथ सहयोग की इच्छा जताई है। जर्मनी और फ्रांस ने इस बदलाव पर एक महत्वपूर्ण घोषणा की, जबकि इजरायल, चीन और अमेरिका ने भी अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं।
जर्मनी और फ्रांस का समर्थन
जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने सीरिया में नए नेतृत्व के साथ सहयोग करने की बात कही है। दोनों देशों ने संयुक्त बयान में कहा:
“हम मानवाधिकारों और जातीय व धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के आधार पर नए नेतृत्व के साथ काम करने के लिए तैयार हैं। सीरिया की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को संरक्षित करना जरूरी है।”
इसके अलावा, उन्होंने सीरिया में यूरोपीय संघ की भूमिका को मजबूत करने और मध्य पूर्व के भागीदारों के साथ मिलकर समावेशी राजनीतिक प्रक्रिया को समर्थन देने पर सहमति जताई।
इजरायल की प्रतिक्रिया
इजरायल ने सीरिया में मौजूदा हालात को अलग दृष्टिकोण से देखा है। इजरायल का कहना है कि सीरिया के अधिकतर हिस्से पर अब अलकायदा और आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठनों का कब्जा है।
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बशर अल-असद के निष्कासन को ‘ऐतिहासिक दिन’ बताया और गोलन हाइट्स में सुरक्षा कड़ी करने के निर्देश दिए।
चीन का बयान
चीन ने कहा है कि वह सीरिया की स्थिति पर नजर बनाए हुए है। चीन ने उम्मीद जताई कि सीरिया में जल्द स्थिरता आएगी।
अमेरिका की राय
अमेरिका ने सीरिया में समावेशी राजनीतिक प्रक्रिया की जरूरत पर जोर दिया है। राष्ट्रपति जो बाइडेन सीरिया की स्थिति पर चर्चा के लिए अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के साथ बैठक करने वाले हैं। अमेरिका का मानना है कि सीरिया को अब स्थिरता बहाल करनी होगी।
निष्कर्ष
सीरिया में राजनीतिक बदलाव के बाद वैश्विक शक्तियों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। जहां यूरोप के देश नए नेतृत्व के साथ सहयोग के लिए तैयार हैं, वहीं इजरायल और अमेरिका स्थिति पर सतर्क नजर बनाए हुए हैं। आने वाले समय में सीरिया की स्थिरता और शांति के लिए इन प्रतिक्रियाओं की भूमिका अहम होगी।