Ratan Tata का निधन: भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा का निधन 9 अक्टूबर 2024 को 86 वर्ष की आयु में हुआ। उनके निधन पर भारत और दुनिया भर के नेताओं ने शोक व्यक्त किया।
नेतन्याहू का शोक संदेश: मध्य पूर्व में जारी संघर्ष के बीच, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रतन टाटा के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए एक पोस्ट में लिखा, “मैं और इजराइल के असंख्य लोग भारत के महान सपूत और दोनों देशों के बीच मित्रता के हिमायती रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं।” नेतन्याहू ने मोदी से रतन टाटा के शोकाकुल परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करने का आग्रह किया।
विश्व नेताओं की प्रतिक्रिया:
- लॉरेंस वोंग (सिंगापुर के प्रधानमंत्री): रतन टाटा को अपने देश का सच्चा मित्र बताया।
- इमैनुएल मैक्रों (फ्रांस के राष्ट्रपति): रतन टाटा के नवाचार और विनिर्माण में योगदान की प्रशंसा की और भारत-फ्रांस के उद्योगों को मजबूत करने में उनकी भूमिका की सराहना की।
टाटा ट्रस्ट का नया चेयरमैन: रतन टाटा के निधन के बाद उनके सौतेले भाई नोएल टाटा को 11 अक्टूबर 2024 को टाटा ट्रस्ट का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया। रतन टाटा ने टाटा ट्रस्ट की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। टाटा सन्स, जो इस समूह की होल्डिंग कंपनी है, में टाटा ट्रस्ट की लगभग 66% हिस्सेदारी है और यह ट्रस्ट सामाजिक समस्याओं से जुड़े कार्य करता है।
निष्कर्ष: रतन टाटा का निधन केवल भारत ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर एक अपूरणीय क्षति है। उनके द्वारा किए गए कार्य और योगदान हमेशा याद किए जाएंगे, और उनके आदर्शों पर आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी।