Sunday, December 29, 2024

भांकरोटा अग्निकांड: आग से घिरे 17 टन एलपीजी टैंकर को फटने से बचाने वाले ‘स्पेशल 26’ की साहसिक कहानी?

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AIN NEWS 1 : शुक्रवार सुबह जयपुर के भांकरोटा में डीपीएस कट के पास एक भयानक अग्निकांड हुआ। हादसे में एक ट्रक पूरी तरह जल चुका था, जबकि 17.25 टन एलपीजी गैस से भरा इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOCL) का दूसरा टैंकर आग की चपेट में आ गया था। टैंकर का कैबिन और टायर जल चुके थे, और डीजल टैंक में आग लग गई थी।

गैस के प्रेशर और तापमान का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच चुका था। आग के बाहरी ताप से टैंकर के अंदर का प्रेशर 100 PSI तक पहुंच गया था। अगर टैंकर फटता, तो भांकरोटा कस्बे तक भारी तबाही तय थी। आसपास तीन पेट्रोल पंप, 50 फीट दूर माचिस से भरा कंटेनर और 500 मीटर की दूरी पर गैस पाइपलाइन स्थित थी।

जिम्मेदारी का सामना:

जयपुर कलेक्टर डॉ. जितेंद्र सोनी और डीसीपी वेस्ट अमित कुमार ने स्थिति की गंभीरता को समझा। सिविल डिफेंस और ग्रेटर नगर निगम के दमकल कर्मियों की एक टीम ‘स्पेशल 26’ को इस चुनौती से निपटने का जिम्मा सौंपा गया।

टीम में उप नियंत्रक नागरिक सुरक्षा अमित कुमार, अग्निशमन प्रभारी भवानी सिंह, और अन्य स्वयंसेवक जैसे अशोक मित्रा, राधेश्याम, ललित, राकेश पारीक, असरार, और भीम मीणा शामिल थे। दमकल कर्मियों में विवकी, मानसिंह, धोलाराम, विनोद, राजसिंह, दीपक, सत्यनारायण, मनोज, मुकेश बाजिया और अन्य ने अपनी जान पर खेलकर हालात को काबू किया।

आग बुझाने का प्रयास:

तीन घंटे तक 18 दमकल वाहनों ने टैंकर पर लगातार पानी और फोम की बौछार की। इस दौरान IOCL की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। नसीराबाद से दो टैंकर मंगवाए गए, जिनमें एक में वाष्प और दूसरे में तरल गैस भरी गई।

एलपीजी एक्सपर्ट की राय:

राजस्थान एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन के अध्यक्ष दीपक सिंह गहलोत ने बताया कि एलपीजी टैंकर BIS मानकों के अनुसार बनाए जाते हैं। इनमें अत्यधिक सुरक्षा होती है और ये दोगुने प्रेशर तक टेस्ट किए जाते हैं। लेकिन अगर टैंकर लंबे समय तक 100 डिग्री तापमान में रहे, तो प्रेशर बढ़कर फटने की संभावना हो सकती है।

साहस और सूझबूझ का परिणाम:

‘स्पेशल 26’ की सूझबूझ और साहस के कारण एक बड़ा हादसा टल गया। तीन घंटे की मेहनत के बाद टैंकर के तापमान और दबाव को नियंत्रित किया गया। यह टीम असल मायने में असाधारण बहादुरी का उदाहरण पेश करती है।

यह घटना सिर्फ एक अग्निकांड नहीं, बल्कि फायर ब्रिगेड और सिविल डिफेंस की टीम की अदम्य साहस की मिसाल है। उनकी तत्परता और कुशलता ने भांकरोटा को एक बड़े खतरे से बचा लिया।

 

 

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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