AIN NEWS 1, 21 अगस्त को, दलित और आदिवासी संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट के SC-ST आरक्षण में क्रीमीलेयर और उपवर्गीकरण के फैसले के विरोध में ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है। इस बंद का उद्देश्य हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग करना है। ‘नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन्स’ (NACDAOR) ने अपनी मांगों की एक सूची भी जारी की है।
भारत बंद का प्रमुख कारण
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक निर्णय में कहा था कि SC-ST जातियां समान वर्ग की नहीं हैं और कुछ जातियां अधिक पिछड़ी हुई हो सकती हैं। उदाहरण के तौर पर, अदालत ने सीवर की सफाई करने वाले और बुनकर जातियों का उल्लेख किया। कोर्ट का यह फैसला अनुसूचित जाति और जनजातियों के आरक्षण में क्रीमीलेयर और उपवर्गीकरण की अनुमति देता है, जिससे कई संगठनों में आक्रोश फैल गया है।
देशभर में भारत बंद का असर
1. दिल्ली: दिल्ली में भारत बंद का कोई खास असर नहीं देखा गया है। व्यापारियों और फैक्ट्री मालिकों के संगठनों ने स्पष्ट किया है कि वे बंद का समर्थन नहीं कर रहे हैं। इसलिए दिल्ली के सभी 700 बाजार और 56 औद्योगिक क्षेत्र खुले हैं।
2. राजस्थान: राजस्थान में भारत बंद के कारण कक्षा 1 से 12 तक के सभी स्कूलों में छुट्टी घोषित की गई है। इस वजह से बच्चों की परीक्षाएं भी स्थगित कर दी गई हैं।
3. छत्तीसगढ़: दंतेवाड़ा में भारत बंद का असर देखने को मिला है। यहाँ पर बाजार, दुकानें और ट्रांसपोर्ट सेवाएं बंद हैं। इसके अलावा, प्राइवेट स्कूलों में भी छुट्टी घोषित की गई है।
4. बिहार: बिहार के जहानाबाद में भारत बंद के दौरान पुलिस और बंद समर्थकों के बीच झड़पें हुईं। पटना-गया मुख्य सड़क मार्ग NH-83 पर दो घंटे तक जाम लगा रहा। पुलिस ने हस्तक्षेप कर पांच लोगों को हिरासत में लिया।
भारत बंद का समर्थन और विपक्ष
– बीएसपी का समर्थन: मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने भारत बंद का समर्थन किया है। बीएसपी का कहना है कि बीजेपी और कांग्रेस जैसे दलों की आरक्षण विरोधी रणनीतियों के कारण SC-ST के उपवर्गीकरण और क्रीमीलेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध किया जा रहा है।
– विरोधी दृष्टिकोण: सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला राज्य सरकारों को SC-ST आरक्षण में क्रीमीलेयर बनाने की अनुमति देता है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि जिन्हें वास्तव में जरूरत है, उन्हें प्राथमिकता मिले।
निष्कर्ष
आज का भारत बंद विभिन्न राज्यों में अलग-अलग रूपों में देखा जा रहा है। जबकि दिल्ली में इसका कोई खास असर नहीं हुआ, वहीं राजस्थान, छत्तीसगढ़ और बिहार में बंद का प्रभाव स्पष्ट है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को लेकर देशभर में व्यापक बहस चल रही है और कई संगठनों ने इस फैसले को वापस लेने की मांग की है।