AIN NEWS 1 | भूत-प्रेत का अस्तित्व सदियों से रहस्य और विवाद का विषय रहा है। विज्ञान इसे अक्सर भ्रम, स्लीप पैरालिसिस (Sleep Paralysis) या मानसिक प्रभाव मानता है, जबकि वेद, पुराण और अनेक अनुभव आत्मा के मृत्यु के बाद भी सूक्ष्म रूप में जीवित रहने की पुष्टि करते हैं। शायद सच्चाई इन दोनों दृष्टिकोणों के बीच कहीं छिपी है।
शास्त्रों में भूत-प्रेत
भगवद गीता (2/22): आत्मा पुराने शरीर को त्यागकर नया शरीर धारण करती है।
गरुड़ पुराण: मृत्यु के बाद आत्मा की 13 दिन की यात्रा और पितृलोक, प्रेत योनि का वर्णन।
मनुस्मृति: अधूरी इच्छाओं वाले जीव प्रेत योनि में भटकते हैं।
महाभारत: संजय की दूरदृष्टि और भीष्म पितामह की मृत्यु पर नियंत्रण की घटनाएं।
विज्ञान की दृष्टि
विज्ञान इस पर अलग दृष्टिकोण रखता है। मनोविज्ञान के अनुसार डर और तनाव से भूत जैसी अनुभूतियां उत्पन्न होती हैं। न्यूरोसाइंस में Sleep Paralysis की स्थिति में अदृश्य उपस्थिति का अहसास होता है। भौतिक विज्ञान के अनुसार इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगें (EM Waves) और वायु दबाव भी रहस्यमय आवाजें पैदा कर सकते हैं।
भारत के प्रसिद्ध भूतिया स्थल
भानगढ़ किला (राजस्थान): सूर्यास्त के बाद प्रवेश वर्जित, अजीब आवाजें और परछाइयां।
डुमस बीच (सूरत, गुजरात): श्मशान के पास रहस्यमय आवाजें।
कुलधरा गांव (जैसलमेर, राजस्थान): वीरान और श्रापित माना जाता है।
अग्रसेन की बावली (दिल्ली): नकारात्मक ऊर्जा का केंद्र।
शनि शिंगणापुर (महाराष्ट्र): दरवाजों पर ताले नहीं, अद्भुत ऊर्जा का केंद्र।
विज्ञान इसे मानसिक-भौतिक प्रभाव मानता है, जबकि शास्त्र आत्मा के अमर और सूक्ष्म रूप में विद्यमान रहने की पुष्टि करते हैं। अधूरी इच्छाओं या पाप-कर्मों के कारण आत्मा के भटकने की व्याख्या भी शास्त्रों में मिलती है।
निवारण और उपाय
हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ।
पितृ तर्पण और श्राद्ध।
पीपल और तुलसी की पूजा।
घर में दीपक, धूप और भजन से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाना।
भूत-प्रेत का रहस्य आज भी इंसान को आकर्षित करता है। विज्ञान इसे भ्रांति मानता है, जबकि शास्त्र और अनुभव इसे वास्तविक मानते हैं। संतुलन और समझ ही इन अनुभवों को सुरक्षित और सकारात्मक बनाने की कुंजी है।
FAQs
Q1. क्या भूत-प्रेत हर किसी को दिखाई देते हैं?
नहीं, यह व्यक्ति की मानसिक स्थिति और स्थान की ऊर्जा पर निर्भर करता है।
Q2. क्या भूतिया स्थान सचमुच खतरनाक हैं?
कुछ स्थानों पर वैज्ञानिक कारण हो सकते हैं, जबकि अन्य पर अनुभवजन्य घटनाएं भी हो सकती हैं।
Q3. क्या भूत-प्रेत से बचाव संभव है?
हां, शास्त्र पूजा-पाठ, मंत्र-जप और पितृ-तर्पण की सलाह देते हैं।
Disclaimer: यह जानकारी केवल मान्यताओं और अनुभवों पर आधारित है। किसी भी उपाय को अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।