AIN NEWS 1 | केंद्र सरकार ने वीआईपी सुरक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया है। नौ प्रमुख वीआईपी, जिनकी सुरक्षा एनएसजी (राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड) के ब्लैक कैट कमांडो संभालते थे, अब उन्हें सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) की सुरक्षा यूनिट प्रदान की जाएगी। गृह मंत्रालय ने एनएसजी को वीआईपी सुरक्षा से हटाने और सीआरपीएफ की नई बटालियन को इस जिम्मेदारी को सौंपने का फैसला लिया है।
इन 9 VIP को मिलेगी सीआरपीएफ की सुरक्षा
जिन प्रमुख व्यक्तियों की सुरक्षा अब सीआरपीएफ संभालेगी, उनमें शामिल हैं:
- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
- बसपा अध्यक्ष मायावती
- केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
- पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी
- केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल
- छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह
- जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद
- नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला
- आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू
सुरक्षा हस्तांतरण का समय और प्रक्रिया
गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ को अगले महीने तक सुरक्षा का जिम्मा सौंपने का आदेश दिया है। यह बदलाव एक महीने के भीतर पूरा हो जाएगा। इसके लिए सीआरपीएफ की सातवीं बटालियन को भी शामिल किया गया है, जो पहले संसद की सुरक्षा में तैनात थी।
उन्नत सुरक्षा प्रोटोकॉल: ASL प्रोटोकॉल
दो वीआईपी, राजनाथ सिंह और योगी आदित्यनाथ को उन्नत सुरक्षा संपर्क (ASL) प्रोटोकॉल भी दिया जाएगा। यह प्रोटोकॉल सुनिश्चित करता है कि वीआईपी के दौरे से पहले सुरक्षा जांच पूरी की जाए। अन्य वीआईपी जिनके लिए यह प्रोटोकॉल अपनाया जाता है, उनमें गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और गांधी परिवार के तीन नेता शामिल हैं।
एनएसजी का मूल कार्य और पुनर्गठन
एनएसजी, जो 40 वर्षों से वीआईपी सुरक्षा का काम कर रहा था, अब अपने मूल कार्य यानी आतंकवाद-रोधी और विमान अपहरण-रोधी अभियानों पर ध्यान केंद्रित करेगा। सरकार का मानना है कि वीआईपी सुरक्षा एनएसजी की विशेषज्ञ क्षमताओं पर बोझ साबित हो रही थी। ब्लैक कैट कमांडो, जो पिछले दो दशकों से वीआईपी सुरक्षा में तैनात थे, अब आतंकवाद-रोधी अभियानों में अपना योगदान देंगे।
संसद सुरक्षा और सीआरपीएफ की भूमिका
कुछ समय पहले संसद की सुरक्षा में चूक होने के कारण, इसे सीआरपीएफ से सीआईएसएफ को सौंपा गया था। अब सीआरपीएफ की सातवीं बटालियन को वीआईपी सुरक्षा के लिए जिम्मेदार बनाया गया है।
इस निर्णय से एनएसजी के करीब 450 ब्लैक कैट कमांडो अन्य महत्वपूर्ण अभियानों में तैनात किए जा सकेंगे।