AIN NEWS 1 नई दिल्ली: मोदी सरकार ने टोल टैक्स को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्रालय ने टोल टैक्स के नए नियम जारी किए हैं, जिसके तहत अब कुछ वाहन चालकों को टोल टैक्स से छूट मिल सकेगी। यह नया नियम खासतौर पर उन वाहन चालकों के लिए होगा जो ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) का उपयोग करते हैं। इस फैसले से वाहन मालिकों को राहत मिलेगी, खासकर जो राजमार्गों और एक्सप्रेस वे पर कम दूरी यात्रा करते हैं।
क्या है नया नियम?
केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्रालय द्वारा जारी की गई अधिसूचना के अनुसार, यदि निजी वाहन में GNSS सिस्टम चालू है, तो उन्हें हर दिन 20 किलोमीटर तक की यात्रा के लिए टोल टैक्स नहीं देना होगा। यह छूट उन वाहन चालकों के लिए होगी जो राजमार्गों या एक्सप्रेस वे पर 20 किलोमीटर के दायरे में यात्रा करते हैं। हालांकि, यदि यात्रा 20 किलोमीटर से अधिक होती है, तो टोल वास्तविक दूरी के आधार पर लिया जाएगा।
GNSS प्रणाली का महत्व
इस नए नियम के तहत, केवल वही वाहन चालक टोल से छूट प्राप्त कर सकेंगे जिनके वाहनों में GNSS सिस्टम चालू होगा। यह प्रणाली वाहन की सटीक लोकेशन का पता लगाती है, जिससे टोल टैक्स की सही गणना की जा सकती है। सरकार ने हाल ही में इस GNSS आधारित टोल सिस्टम को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कर्नाटक और हरियाणा में लागू किया है। कर्नाटक में नेशनल हाईवे 275 के बेंगलुरु-मैसूर खंड और हरियाणा में नेशनल हाईवे 709 के पानीपत-हिसार हाईवे पर इसे लागू किया गया है।
क्या होगा अगला कदम?
सरकार इस प्रणाली के प्रदर्शन का मूल्यांकन करेगी और इसकी रिपोर्ट के आधार पर अन्य राज्यों के हाईवे पर भी GNSS सिस्टम को लागू करने पर विचार करेगी। फिलहाल, पूरे देश में इस सिस्टम का उपयोग नहीं किया जा रहा है, लेकिन आने वाले समय में इसे विस्तारित करने की योजना है।
टोल टैक्स को लेकर सरकार का उद्देश्य
सरकार का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि टोल टैक्स केवल उन्हीं वाहनों से लिया जाए जो लंबी दूरी तय करते हैं। इससे न केवल वाहन चालकों को राहत मिलेगी, बल्कि टोल संग्रह प्रणाली भी और अधिक पारदर्शी और सटीक होगी।
इस फैसले से यह उम्मीद जताई जा रही है कि लोगों को अपनी यात्रा पर कम खर्च करना पड़ेगा, खासकर जब वे सिर्फ स्थानीय यात्राएं करते हैं या छोटे रास्तों का उपयोग करते हैं।
निष्कर्ष: मोदी सरकार का यह कदम निजी वाहन मालिकों को राहत देने वाला साबित हो सकता है। GNSS आधारित टोल सिस्टम से टोल संग्रह में पारदर्शिता बढ़ेगी और छोटे मार्गों पर यात्रा करने वाले लोगों को टोल टैक्स से छूट मिलेगी।