Powered by : PIDIT KO NYAY ( RNI - UPBIL/25/A1914)

spot_imgspot_img

मृतकों के नाम पर भरे जा रहे फॉर्म? बिहार SIR प्रक्रिया पर ADR और RJD ने सुप्रीम कोर्ट में उठाए गंभीर सवाल

spot_img

Date:

AIN NEWS 1 | बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत में विवाद गहराता जा रहा है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने इस प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग (ECI) पर सवाल उठाए हैं।

इन संगठनों का दावा है कि मृत लोग भी मतदाता सूची सुधार के लिए फॉर्म भरते “दिखाए गए” हैं, और कई फॉर्म बिना दस्तावेजों और बिना मतदाता की जानकारी के ही अपलोड कर दिए गए हैं। इस मामले पर अब 28 जुलाई 2025 को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।

क्या है मामला?

बिहार में इस समय मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया चल रही है, जिसका उद्देश्य मतदाता सूची को अद्यतन करना और फर्जी या मृत लोगों के नामों को हटाना है। लेकिन याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह प्रक्रिया स्वयं अनियमितताओं से भर गई है

ADR और RJD की ओर से दाखिल याचिका में बताया गया कि –

“बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) खुद फॉर्म पर हस्ताक्षर कर रहे हैं, कई मृत लोगों के नाम पर ऑनलाइन फॉर्म अपलोड हो रहे हैं, और जिन लोगों ने कोई फॉर्म नहीं भरा, उन्हें भी संदेश भेजा गया कि उनका फॉर्म पूरा हो गया है।”

 बिना दस्तावेजों के भरे गए फॉर्म?

याचिकाकर्ताओं ने अदालत को बताया कि चुनाव आयोग द्वारा प्रस्तुत डेटा और दावे अविश्वसनीय हैं, क्योंकि फॉर्म्स बिना आधार, राशन कार्ड या मतदाता ID जैसे वैध दस्तावेजों के ही भर दिए गए।

ADR का आरोप है कि फॉर्म्स को भरने के लिए न तो मतदाता की सहमति ली गई और न ही कोई व्यक्तिगत संपर्क हुआ। कई लोगों ने शिकायत की है कि उन्होंने किसी बीएलओ को कभी देखा भी नहीं, फिर भी उनके नाम पर फॉर्म भर दिए गए।

 मृत व्यक्ति भी “फॉर्म भरने वालों” में शामिल?

यह सबसे चौंकाने वाला आरोप है। याचिका में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कई मृत व्यक्तियों के नाम पर भी फॉर्म अपलोड किए गए

ADR के मुताबिक, यह सब चुनाव आयोग द्वारा तय लक्ष्य को समय पर पूरा करने की जल्दबाजी में किया गया है। इसके तहत बीएलओ द्वारा खुद ही गणना फॉर्म भर दिए गए, और मतदाताओं की जानकारी या सहमति लेने की औपचारिकता भी नहीं निभाई गई।

 फर्जी हस्ताक्षर और बिना संपर्क के फॉर्म अपलोड

आरजेडी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि मीडिया रिपोर्ट्स और स्थानीय शिकायतों में ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं, जहां मतदाताओं ने दावा किया है कि –

  • बीएलओ उनके मोहल्ले में कभी नहीं आए

  • उनके हस्ताक्षर फर्जी तरीके से फॉर्म पर डाले गए

  • फॉर्म बिना किसी संवाद या वेरिफिकेशन के ऑनलाइन अपलोड कर दिए गए

इससे न केवल मतदाता सूची की शुद्धता पर सवाल खड़े हो रहे हैं, बल्कि यह पूरे चुनावी ढांचे की पारदर्शिता और निष्पक्षता को भी चोट पहुंचा रहा है।

 चुनाव आयोग ने आरोपों से किया इनकार

दूसरी ओर, चुनाव आयोग ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि SIR प्रक्रिया पारदर्शी और नियमों के अनुसार की जा रही है।

चुनाव आयोग के अनुसार, इस पुनरीक्षण से अयोग्य लोगों को हटाने में मदद मिलेगी, जिससे चुनाव प्रक्रिया ज्यादा साफ और विश्वसनीय होगी।

 सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया और अगली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट की पीठ, जिसमें जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस जॉयमाल्या बागची शामिल हैं, इस पूरे मामले पर पहले ही गंभीरता जता चुकी है।

10 जुलाई 2025 को कोर्ट ने कहा था कि बिहार में मतदाता सूची अपडेट करते वक्त आधार कार्ड, वोटर ID और राशन कार्ड जैसे दस्तावेजों को प्रमाण के रूप में स्वीकार किया जा सकता है

अब इस मामले पर 28 जुलाई 2025 को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा, जिसमें इन सभी आरोपों और चुनाव आयोग की प्रक्रिया की गहराई से जांच की जाएगी।

मतदाता सूची को सही और निष्पक्ष बनाए रखने के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) जैसी प्रक्रिया आवश्यक है। लेकिन जब उसी प्रक्रिया में अनियमितताओं और फर्जीवाड़े के आरोप सामने आएं, तो यह देश की लोकतांत्रिक नींव के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है।

यदि वाकई मृत व्यक्तियों के नाम पर फॉर्म भरे जा रहे हैं, और फर्जी हस्ताक्षर किए जा रहे हैं, तो यह चुनावी सुधार की बजाय लोकतंत्र के साथ धोखा होगा।

अब निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर हैं कि वह इस मामले में कितनी पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित कर पाती है।

In a shocking revelation, ADR and RJD have accused the Election Commission of allowing massive voter list fraud during Bihar’s Special Intensive Revision (SIR) 2025. They claimed that dead people were shown submitting forms and BLOs forged signatures without contacting voters. The Supreme Court will hear the matter on 28 July 2025. These allegations raise serious concerns about transparency in India’s electoral process, especially ahead of major elections.

spot_img
spot_imgspot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_imgspot_img

Share post:

New Delhi
haze
22.1 ° C
22.1 °
22.1 °
73 %
1kmh
0 %
Tue
33 °
Wed
33 °
Thu
33 °
Fri
33 °
Sat
32 °
Video thumbnail
हिंदी विरोधियों को तालिबानी मुत्तकी ने हिंदी में भाषण देकर चौंकाया, US-NATO भी हैरान !
21:34
Video thumbnail
कट्टरपंथी धमकी देते रह गए, उधर मुस्लिम परिवार को सम्मानित कर CM Yogi ने खेल पलट दिया !
07:59
Video thumbnail
किसानों के सामने PM Modi Congress की उधेड़ी बखियां,सुनकर पूरा देश हैरान रह गए !PM Modi Full Speech
29:36
Video thumbnail
Mayawati Lucknow Rally: मायावती ने मंच से बिना नाम लिए Chandrashekhar Azad को लताड़ा | BSP
08:16
Video thumbnail
‘वो कौन था..पाकिस्तान पर हमला करने से किसने रोका…’ पीएम मोदी ने मुंबई हमले पर कांग्रेस को लपेटा
10:02
Video thumbnail
PM Modi ने Marathi में ऐसा क्या कह दिया सुनते ही सामने बैठी जनता बावली हो गई ! Mumbai | Maharashtra
08:21
Video thumbnail
'रामायण काल फिर से आएगा...' CM Yogi के सनातनी ऐलान से पूरे विपक्ष में मची खलबली ! Lucknow |
21:20
Video thumbnail
PM Modi ने कभी सोचा नहीं होगा Varanasi पहुंकर ये बोल देंगे CM Yogi! UP News | Latest News |
20:19
Video thumbnail
सामने थी लाखों की भीड़! भयंकर गुस्से में Amit Shah ने ठाकरे परिवार को करारा जवाब दिया | Maharashtra
19:56
Video thumbnail
'सोनिया गांधी ने ही मना किया था'Sambit Patra ने सबके सामने बेनकाब कर दिया ! Bhubaneswar | Odisha
08:53

Subscribe

spot_img
spot_imgspot_img

Popular

spot_img

More like this
Related