AIN NEWS 1 | उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले से शुक्रवार को एक बेहद दुखद और चौंकाने वाली खबर सामने आई है। बरकतपुर क्षेत्र में स्थित उत्तम शुगर मिल में सफाई के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया, जिसमें तीन लोगों की जान चली गई और एक मजदूर की हालत गंभीर बनी हुई है। इस हादसे ने मिल प्रबंधन और सुरक्षा उपायों को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह हादसा सुबह उस समय हुआ जब ईटीपी (Effluent Treatment Plant) की सफाई का कार्य चल रहा था। आमतौर पर इस तरह की सफाई प्रक्रिया में विशेष सुरक्षा उपकरणों और प्रशिक्षण की जरूरत होती है, लेकिन प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि जरूरी एहतियातों की अनदेखी की गई थी।
हादसा कैसे हुआ?
मिल प्रबंधन ने सुबह के वक्त प्लांट की नियमित सफाई प्रक्रिया के लिए मजदूरों को ईटीपी टैंक में उतरने का निर्देश दिया। जैसे ही मजदूर टैंक में काम कर रहे थे, अचानक दम घुटने जैसी स्थिति बन गई और तीन लोग टैंक में गिर पड़े। इनमें से दो मजदूर और एक सुपरवाइजर शामिल थे।
मृतकों की पहचान
हादसे में जिन तीन लोगों की जान गई है, उनकी पहचान इस प्रकार है:
कपिल देव (40 वर्ष) – निवासी गांव तीसोत्र, बिजनौर
मुनेश्वर (45 वर्ष) – निवासी गांव कबूलपुर, जो इस प्लांट में सुपरवाइजर थे
सौपाल (49 वर्ष) – निवासी गांव लालपुर
तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। टैंक के अंदर जहरीली गैस होने की संभावना जताई जा रही है, जिससे उनका दम घुट गया।
एक मजदूर की हालत गंभीर
एक अन्य मजदूर जो इस हादसे में गंभीर रूप से घायल हुआ है, उसे तत्काल एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिलहाल उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है और डॉक्टरों की टीम उसकी निगरानी कर रही है।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और तत्काल जांच शुरू कर दी गई। मौके पर मौजूद कर्मचारियों और चश्मदीदों के बयान लिए जा रहे हैं। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या हादसे के वक्त सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम थे या नहीं।
स्थानीय प्रशासन ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है। जिला अधिकारी ने मिल प्रबंधन से रिपोर्ट तलब की है और कहा है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सुरक्षा मानकों की खुली पोल
यह हादसा एक बार फिर से औद्योगिक सुरक्षा मानकों की अनदेखी को उजागर करता है। अक्सर फैक्ट्रियों और कारखानों में नियमित कार्यों के दौरान मजदूरों की जान खतरे में डाल दी जाती है, क्योंकि न तो उन्हें पर्याप्त प्रशिक्षण दिया जाता है और न ही सुरक्षात्मक गियर उपलब्ध कराए जाते हैं।
परिजनों में कोहराम
इस हृदयविदारक हादसे के बाद मृतकों के परिजनों में कोहराम मच गया है। जैसे ही घरों में यह खबर पहुंची, परिवार के लोग रोते-बिलखते मौके पर पहुंचे। स्थानीय ग्रामीणों और मजदूर संगठनों ने मिल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है।
क्या है ईटीपी प्लांट?
ईटीपी प्लांट का उपयोग कारखानों से निकलने वाले गंदे और रासायनिक पानी को साफ करने के लिए किया जाता है ताकि वह पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाए। इस टैंक की सफाई अत्यंत संवेदनशील कार्य होती है, जिसमें विषैली गैसों का रिसाव सामान्य बात है। ऐसे में सुरक्षा इंतजामों का होना बेहद जरूरी होता है।
आगे की कार्रवाई
फिलहाल पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और दुर्घटना की जांच जारी है। मिल प्रबंधन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। सूत्रों के मुताबिक, मजदूरों को टैंक में बिना गैस मास्क या किसी विशेष सुरक्षा किट के उतारा गया था।
स्थानीय लोग और मजदूर यूनियन इस पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं। यदि प्रारंभिक जांच में लापरवाही साबित होती है, तो मिल प्रबंधन के खिलाफ भारी जुर्माना और कानूनी कार्रवाई संभव है।
A tragic industrial accident occurred at Uttam Sugar Mill in Bijnor, Uttar Pradesh, where three individuals, including a supervisor, lost their lives after falling into the ETP (Effluent Treatment Plant) tank during cleaning operations. The incident highlights the grave safety negligence in industrial environments. One more laborer is critically injured, currently under treatment. This Bijnor sugar mill accident has raised serious concerns about workplace safety standards and prompted an official investigation.