Monday, January 13, 2025

संभल हिंसा में दंगाइयों को 5 लाख रुपये देने के मामले में बीजेपी का सपा पर हमला, पुलिस ने कड़ी सुरक्षा की घोषणा की?

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संभल हिंसा और सपा पर बीजेपी का हमला

AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर तीखा हमला बोला है। बीजेपी का आरोप है कि सपा दंगाइयों को प्रोत्साहित कर रही है, विशेष रूप से उस वक्त जब सपा ने हिंसा में मारे गए लोगों को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया था। सपा ने हिंसा में मारे गए 5 लोगों के परिवारों को कुल 25 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की थी। इस फैसले पर बीजेपी नेता मनीष शुक्ला ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाए।

मनीष शुक्ला का आरोप

बीजेपी नेता मनीष शुक्ला ने कहा, “सपा ने जो कदम उठाया है, उससे यह साफ हो रहा है कि पार्टी दंगाइयों और हिंसा फैलाने वालों को प्रोत्साहित कर रही है। वे यह संदेश दे रहे हैं कि आप पुलिस पर पत्थर फेंक सकते हैं, चाकू चला सकते हैं, और सपा तथा अखिलेश यादव आपके साथ खड़े रहेंगे।” शुक्ला ने यह भी कहा कि सपा की इस घोषणा से यह संदेश जा रहा है कि वे हिंसा और दंगे करने वालों का समर्थन कर रहे हैं।

संभल हिंसा का कारण और नतीजे

संभल में हुई हिंसा का कारण मुगलकालीन जामा मस्जिद में अदालत के आदेश पर सर्वे का काम था। इस सर्वे के विरोध में हिंसा भड़क गई, जिसके परिणामस्वरूप 4 लोगों की मौत हो गई और 25 से ज्यादा लोग घायल हो गए। मृतकों में नईम, बिलाल, नोमान और कैफ नामक युवक शामिल हैं। यह हिंसा पुलिस और प्रशासन के लिए एक गंभीर चुनौती बन गई थी।

संभल पुलिस ने अब तक 31 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें सपा सांसद जिया-उर-रहमान बर्क और स्थानीय विधायक इकबाल महमूद का बेटा सोहैल इकबाल भी शामिल हैं। इन दोनों को दंगों में सक्रिय रूप से शामिल होने के आरोप में नामजद किया गया है। हालांकि, सांसद जिया-उर-रहमान ने इन आरोपों का खंडन किया और कहा कि वह मौके पर मौजूद नहीं थे। उन्होंने पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई की आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की कि वह संभल का दौरा करें और इस मामले की जांच करें।

पुलिस और सुरक्षा व्यवस्था

संभल में हिंसा के बाद पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। जुम्मे की नमाज के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस ने पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया है। सुरक्षा के लिए 15 कंपनियां पीएसी (पुलिस एन्क्लोजर) और 2 कंपनियां आरएएफ (रैपिड एक्शन फोर्स) को तैनात किया गया है। इसके अलावा, 10 जिलों की पुलिस और महिला पुलिस की टीमें भी इलाके में तैनात रहेंगी।

उच्च सुरक्षा निगरानी

सभी संवेदनशील इलाकों में पुलिस द्वारा ड्रोन कैमरों और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी। प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने के लिए नए कैमरे लगाए हैं कि दंगाई भीड़ की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। पुलिस की कोशिश है कि कोई अप्रिय घटना न हो और स्थिति नियंत्रण में रहे।

संभल में धारा 163 लागू

संभल में शांति बनाए रखने के लिए प्रशासन ने धारा 163 लागू कर दी है, जिसके तहत चार से अधिक लोग एक स्थान पर इकट्ठा नहीं हो सकते। इसके साथ ही, इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं। जामा मस्जिद के बाहर नमाज नहीं होगी, और केवल मस्जिद परिसर के अंदर ही नमाज पढ़ने की अनुमति दी जाएगी। जामा मस्जिद के आसपास के लोग ही मस्जिद में नमाज अदा कर सकेंगे।

निष्कर्ष

संभल हिंसा के बाद की घटनाएं अब राज्य और राष्ट्रीय राजनीति में प्रमुख मुद्दा बन गई हैं। जहां एक ओर बीजेपी ने सपा पर दंगाइयों को प्रोत्साहित करने का आरोप लगाया है, वहीं सपा ने इस हिंसा की निंदा करते हुए मुआवजे की घोषणा की है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों के बावजूद पुलिस और प्रशासन के लिए यह चुनौतीपूर्ण समय है, क्योंकि वे न केवल हिंसा को रोकने की कोशिश कर रहे हैं, बल्कि किसी भी और सांप्रदायिक तनाव को बढ़ने से रोकने के लिए भी निगरानी रख रहे हैं।

 

 

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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