AIN NEWS 1 | उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले से एक वीडियो ने पूरे प्रदेश की राजनीति और सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है। इस वीडियो में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बलदेव विधानसभा क्षेत्र से विधायक पूरन प्रकाश रेलवे इंजीनियर को खुलेआम धमकाते दिखाई दे रहे हैं। विधायक का यह वीडियो जैसे ही वायरल हुआ, लोगों ने जमकर नाराजगी जताई और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग शुरू हो गई।
विवाद की शुरुआत: रेलवे फाटक बंद करने का मामला
दरअसल, विवाद की जड़ कटरा बाजार रेलवे क्रॉसिंग को बंद करने का फैसला है। मथुरा-कासगंज रेल रूट के विस्तार कार्य के दौरान सुरक्षा कारणों से कई छोटे मार्गों की क्रॉसिंग बंद की जा रही है। रेलवे प्रशासन का मानना है कि खुले फाटक दुर्घटनाओं का कारण बन सकते हैं, इसलिए उन्हें बंद करना जरूरी है।
लेकिन जब रेलवे की टीम कटरा बाजार क्रॉसिंग को बंद करने पहुंची, तो स्थानीय व्यापारी और लोग भड़क उठे। उनका कहना था कि बिना वैकल्पिक रास्ता उपलब्ध कराए अचानक क्रॉसिंग बंद करना उनके लिए बहुत बड़ी समस्या है। इसी विरोध की खबर सुनकर विधायक पूरन प्रकाश मौके पर पहुंच गए।
विधायक का गुस्सा और धमकी भरी भाषा
कटरा बाजार क्रॉसिंग पर चल रहे काम को देखकर विधायक जी का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने मौके पर मौजूद रेलवे इंजीनियर और कर्मचारियों को न सिर्फ कड़ी फटकार लगाई, बल्कि उनकी दाढ़ी नोच लेने और पीटने तक की धमकी दे डाली।
रेलवे कर्मी पूरी शांति और संयम से उनकी बातें सुनते रहे, लेकिन विधायक बार-बार अपनी मर्यादा तोड़ते गए। उन्होंने कर्मचारियों को नौकर की तरह धमकाया और कहा कि तुरंत काम बंद कर दिया जाए।
व्यापारियों की चिंताएँ
स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि कटरा बाजार मथुरा का एक प्रमुख व्यापारिक क्षेत्र है। यहां रोजाना हजारों लोगों की आवाजाही होती है। यदि क्रॉसिंग बंद हो गई, तो दुकानों पर ग्राहकों की संख्या घट जाएगी और कारोबार बुरी तरह प्रभावित होगा।
व्यापारियों ने यह भी आरोप लगाया कि रेलवे ने इस निर्णय से पहले कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की। ऐसे में न सिर्फ व्यवसाय प्रभावित होगा, बल्कि स्थानीय निवासियों को भी आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
रेलवे का पक्ष: सुरक्षा सबसे अहम
रेलवे प्रशासन का कहना है कि क्रॉसिंग बंद करने का फैसला किसी की मनमानी नहीं है, बल्कि यह यात्रियों और आम जनता की सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया है। खुले फाटक पर अक्सर हादसे होते हैं। इसलिए, रेलवे चाहता है कि ऐसे स्थानों को धीरे-धीरे बंद कर दिया जाए और उनके स्थान पर ओवरब्रिज या अंडरपास जैसी सुरक्षित व्यवस्था बनाई जाए।
सोशल मीडिया पर विरोध और चर्चा
पूरन प्रकाश का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। आम जनता से लेकर राजनीतिक विरोधियों तक, सभी ने विधायक की असभ्य भाषा और धमकी की निंदा की।
कुछ लोगों ने कहा कि जनता का प्रतिनिधि इस तरह अधिकारियों से बात करेगा तो आम जनता का क्या होगा?
कुछ ने मांग की कि भाजपा को अपने विधायक पर तुरंत अनुशासनात्मक कार्रवाई करनी चाहिए।
वहीं, कुछ लोग विधायक के समर्थन में भी सामने आए और बोले कि उनका गुस्सा जायज था क्योंकि व्यापारी और आम लोग मुश्किलों में हैं।
राजनीति का रंग
जैसे ही यह मामला सुर्खियों में आया, विपक्षी दलों ने भी भाजपा पर हमला करना शुरू कर दिया। उनका कहना है कि भाजपा के नेताओं में अहंकार और दबंगई बढ़ गई है। विधायक का यह व्यवहार जनता और लोकतंत्र दोनों का अपमान है।
भाजपा की ओर से अभी तक इस पर कोई बड़ा आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन अंदरखाने चर्चा जरूर तेज हो गई है कि पार्टी को इस विवाद को कैसे संभाला जाए।
जनता की नजर में क्या है सही?
जनता का एक वर्ग मानता है कि रेलवे ने बिना उचित वैकल्पिक मार्ग तैयार किए अचानक क्रॉसिंग बंद करना गलत किया।
वहीं, दूसरी ओर लोग यह भी मानते हैं कि विधायक को अपनी नाराजगी मर्यादा में रहते हुए रखनी चाहिए थी। धमकी और गाली-गलौज से समस्या हल नहीं होती।
सवाल अनुत्तरित
यह पूरा विवाद केवल एक क्रॉसिंग बंद करने भर का नहीं है, बल्कि यह दिखाता है कि जनता की परेशानियों और प्रशासनिक फैसलों के बीच तालमेल की कितनी कमी है।
अगर रेलवे समय रहते व्यापारियों और स्थानीय लोगों को भरोसे में लेता, तो शायद विवाद इतना बड़ा नहीं होता।
और अगर विधायक संयम दिखाते, तो उनकी बात भी अधिक प्रभावी तरीके से सुनी जाती।
अब देखना यह होगा कि भाजपा अपने विधायक पर कोई कार्रवाई करती है या मामला यूं ही ठंडे बस्ते में चला जाता है। लेकिन इतना तय है कि इस घटना ने मथुरा ही नहीं, पूरे प्रदेश की राजनीति और जनता का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है।