BJP President Election 2025: Process, RSS Role, and Modi-Shah Influence Explained
बीजेपी का नया अध्यक्ष कौन? जानिए चुनाव की प्रक्रिया, संघ की भूमिका और मोदी-शाह का प्रभाव
AIN NEWS 1: भारतीय जनता पार्टी (BJP) का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष जल्द ही सामने आ सकता है। वर्तमान अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल औपचारिक रूप से जनवरी 2023 में समाप्त हो चुका है, लेकिन उन्हें कई बार कार्यकाल विस्तार दिया गया है। अब जब लोकसभा चुनाव 2024 संपन्न हो चुके हैं, तो पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में बदलाव की संभावना प्रबल मानी जा रही है।
बीजेपी अध्यक्ष का चयन कैसे होता है?
बीजेपी के संविधान के अनुसार, पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष एक विशेष निर्वाचक मंडल द्वारा चुना जाता है। इस मंडल में राष्ट्रीय परिषद और प्रदेश परिषदों के सदस्य शामिल होते हैं। अध्यक्ष बनने के लिए उम्मीदवार को कम से कम 15 साल तक पार्टी का सक्रिय सदस्य होना अनिवार्य है।
नामांकन प्रक्रिया के तहत, पार्टी के 20 निर्वाचक सदस्य मिलकर एक व्यक्ति के नाम का प्रस्ताव करते हैं। यह प्रस्ताव कम से कम पांच अलग-अलग राज्यों से होना चाहिए, जहां राष्ट्रीय परिषद के चुनाव पूरे हो चुके हों।
कब होते हैं यह चुनाव?
बीजेपी में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तभी होता है जब ज़िलों, प्रांतों और राष्ट्रीय परिषद के संगठनात्मक चुनाव पूरे हो जाएं। भारत को पार्टी ने संगठनात्मक रूप से 36 प्रांतों में बांटा है और जब इनमें से आधे से अधिक राज्यों के चुनाव पूरे हो जाते हैं, तब अध्यक्ष पद के लिए प्रक्रिया शुरू की जाती है।
बीजेपी में वोटिंग की परंपरा नहीं
अब तक बीजेपी में कभी भी अध्यक्ष पद के लिए वोटिंग नहीं हुई है। यह परंपरा रही है कि पार्टी में आंतरिक चर्चा और आम सहमति से ही अध्यक्ष चुना जाता है। इस प्रक्रिया में बीजेपी के साथ-साथ आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) की भूमिका भी महत्वपूर्ण मानी जाती है।
क्या भूमिका निभाता है आरएसएस?
आरएसएस हमेशा से व्यक्तिवाद का विरोधी रहा है। उसका मानना है कि संगठन से ऊपर कोई व्यक्ति नहीं हो सकता। इसलिए अध्यक्ष का चयन भी इस सोच के तहत किया जाता है कि वह व्यक्ति संगठन को मजबूती दे, ना कि खुद को सर्वोपरि समझे।
आरएसएस और बीजेपी मिलकर ऐसे नेता को आगे बढ़ाते हैं जो पार्टी के मूल सिद्धांतों से जुड़ा हो और संगठन की दीर्घकालिक योजना को आगे बढ़ा सके।
मोदी-शाह से ताकतवर होगा अगला अध्यक्ष?
बीजेपी और संघ का यह स्पष्ट मत है कि कोई भी नेता पार्टी से ऊपर नहीं होता। नरेंद्र मोदी और अमित शाह भी यह बात कई बार सार्वजनिक मंचों पर कह चुके हैं। हालांकि, यह भी सच है कि अगला अध्यक्ष वही बनेगा जो मोदी और शाह की कार्यशैली को समझता हो और उनके साथ तालमेल बनाकर काम कर सके।
इसके साथ ही नए अध्यक्ष पर 2027 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव और 2029 के आम चुनावों की जिम्मेदारी भी होगी। खासकर उत्तर प्रदेश में इस बार लोकसभा चुनावों में नुकसान के बाद पार्टी को फिर से मज़बूत करने की चुनौती होगी।
जेपी नड्डा को क्यों मिला एक्सटेंशन?
जेपी नड्डा जनवरी 2020 में बीजेपी अध्यक्ष बने थे। उनका कार्यकाल तीन साल का था, जो जनवरी 2023 में खत्म हो गया। लेकिन लोकसभा चुनावों को देखते हुए उन्हें पद पर बनाए रखा गया। चुनाव के बाद जब उन्हें 20 दिन का और कार्यकाल विस्तार मिला, तो यह स्पष्ट संकेत था कि पार्टी जल्द नया अध्यक्ष चुनने वाली है।
हालांकि, संगठनात्मक चुनाव अभी अधूरे हैं, इसलिए यह प्रक्रिया अभी लंबी खिंच सकती है।
अब तक किन-किन नेताओं ने संभाली कमान?
बीजेपी की स्थापना 6 अप्रैल 1980 को हुई थी, जब जनसंघ के कई नेता जनता पार्टी से अलग होकर एक नए राजनीतिक दल के रूप में बीजेपी लेकर आए। अटल बिहारी वाजपेयी पहले अध्यक्ष बने थे। 1986 में लालकृष्ण आडवाणी अध्यक्ष बने और राम जन्मभूमि आंदोलन की नींव रखी।
इसके बाद मुरली मनोहर जोशी, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी और अमित शाह जैसे नेता अध्यक्ष रह चुके हैं। हर अध्यक्ष ने पार्टी की विचारधारा को और मजबूत किया है और संगठन विस्तार में अहम भूमिका निभाई है।
बीजेपी का अगला अध्यक्ष केवल एक पदाधिकारी नहीं होगा, बल्कि पार्टी की भविष्य की दिशा और रणनीति तय करने वाला चेहरा भी होगा। आरएसएस और बीजेपी का संयुक्त सोच इस चुनाव को निर्णायक बनाएगा। सवाल यह नहीं कि अगला अध्यक्ष कौन होगा, बल्कि यह है कि वह किस प्रकार संगठन को 2029 के आम चुनावों तक नई ऊर्जा के साथ नेतृत्व देगा।
The upcoming BJP president election 2025 has sparked interest across Indian politics. With JP Nadda’s term ending, speculations about his successor and the role of RSS in BJP are gaining momentum. As BJP prepares for 2027 assembly elections and 2029 Lok Sabha elections, the new BJP national president will have the critical task of navigating party strategy beyond Modi and Shah’s leadership. This article explains the internal process of BJP leadership selection, the influence of Modi-Shah, and how RSS impacts BJP’s top decision-making.